हरी मटर स्वाद और सेहत का बेहतरीन मेल मानी जाती है। सर्दी में मटर बिरयानी, मटर पनीर सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें  फाइबर, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन A, विटामिन E, विटामिन D, विटामिन C, विटामिन K, कोलीन, पैंटोथैनिक एसिड और राइबोफ्लेविन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते है। खाने में स्वादिष्ट मटर का सेवन कई लोगों में एसिडिटी, पेट फूलना और गैस की समस्या बढ़ा सकता है। जिन लोगों को पहले से गैस या पाचन से जुड़ी तकलीफ होती है, उनके लिए मटर आसानी से पच नहीं पाती और सीने में जलन, खट्टी डकार व पेट में भारीपन पैदा कर सकती है।

पेट में गैस बनना बहुत आम समस्या है। कुछ लोगों में ये कभी-कभी होती है, जबकि कुछ लोग इसे रोज झेलते हैं। अक्सर ये समस्या पाचन सही न होने की वजह से होती है। जब हमारा भोजन ठीक तरह से नहीं पचता, तो वह बड़ी आंत में पहुंचकर वहां मौजूद बैक्टीरिया द्वारा फर्मेंट किया जाता है, जिससे अधिक गैस बनती है। यही गैस डकार या फार्ट के रूप में बाहर निकलती है, लेकिन ज्यादा बनने पर पेट फूल जाता है और भारीपन लगता है।

हम लोगों की डाइट दिनों दिन खराब होती जा रही है। डाइट में फाइबर का कम सेवन करना, हरी सब्जियों का कम सेवन, स्मोकिंग, अल्कोहल, तंबाकू और व्यायाम की कमी जैसी आदतें गैस बनने की समस्या का कारण बनती हैं। गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर ऋषभ शर्मा ने बताया पेट की गैस और पाचन की खराबी के लिए कुछ फूड्स पूरी तरह से जिम्मेदार होते हैं। डाइट में बींस और फलियों का सेवन पेट में गैस का कारण बन सकता है, इसमें बात करें मटर की तो कुछ लोगों के लिए इसका सेवन पाचन को खराब कर सकता है। कुछ लोगों को मटर खाने के बाद पेट में गैस,  एसिडिटी और ब्लोटिंग हो सकती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं क्या मटर पेट में गैस करती है या पेट की गैस का इलाज करती है।  

क्या मटर का सेवन करने से पेट में गैस बनती है?

गैस अक्सर भोजन की गलत पसंद, कमजोर पाचन या लाइफस्टाइल की वजह से होती है। हर भोजन हर व्यक्ति पर एक जैसा प्रभाव नहीं डालता। इसलिए, आपको उन खाद्य पदार्थों की पहचान करनी चाहिए जो आपके लिए गैस बनाते हैं। कुछ फूड्स की प्रवृत्ति ही गैस बनाने वाली होती है लेकिन कुछ फूड्स ऐसे भी है जो अलग-अलग लोगों के पाचन पर अलग अलग असर करते हैं।

मटर (Peas) ऐसी ही एक सब्जी है। इसमें रेफिनोज नामक शुगर ज्यादा फाइबर, और फोडमैप कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जिन्हें शरीर आसानी से पचा नहीं पाता। जब ये तत्व पूरी तरह पच नहीं पाते, तो बड़ी आंत में बैक्टीरिया इन्हें फर्मेंट करते हैं और इससे एक्सेस गैस, पेट फूलना और भारीपन महसूस होता है। जिन लोगों का पाचन पहले से कमजोर होता है, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) है, या जिनका डाइजेस्टिव एंजाइम लेवल कम है, उनके लिए मटर गैस और असहजता को और ज्यादा बढ़ा सकती है।

इसके अलावा, एक्सपर्ट्स का कहना है कि गैस सिर्फ मटर से ही नहीं, बल्कि उच्च फाइबर भोजन को अचानक ज्यादा मात्रा में खाने, पानी कम पीने, तेजी से खाने, या देर रात भोजन करने से भी बढ़ जाती है। इसलिए भोजन का चयन, मात्रा और खाने की आदतें गैस की समस्या को काफी हद तक प्रभावित करती हैं। मटर में मौजूद ज्यादा कार्बोहाइड्रेट, रेफिनोज जैसी शुगर और कुछ अन्य योगिक पचने में समय लेते हैं, जिससे गैस बनने लगती है और पेट में सूजन भी हो सकती है। कमजोर पाचन वाले लोगों को इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए और अगर पाचन संबंधी बीमारी पहले से हो तो डॉक्टर की सलाह के बिना मटर बार-बार नहीं खानी चाहिए।

पाचन सही रखने के लिए मटर का सेवन कैसे करें?

मटर फाइबर, प्रोटीन और कई तरह के विटामिन से भरपूर होती है, लेकिन इसमें रेफिनोज, फोडमैप कार्ब्स और अधिक फाइबर होने के कारण कई लोगों को गैस, भारीपन और पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। सही तरीके से सेवन करने पर आप मटर का स्वाद भी ले सकते हैं और गैस की समस्या से भी बच सकते हैं।

  • मटर को भिगोकर या उबालकर खाएं।
  • अदरक, हींग और जीरा मिलाकर पकाएं।
  • एक बार में ज्यादा मात्रा न खाएं।
  • सलाद में कच्ची मटर न खाएं।
  • दाल या सब्जी में मटर की कम मात्रा मिलाएं।
  • भोजन के साथ पर्याप्त पानी पिएं।
  • रात में मटर न खाएं
  • गर आपको पहले से IBS, गैस, एसिडिटी या लैक्टोज है तो मटर आपके लिए भारी हो सकती है। ऐसे लोग डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसे डाइट में शामिल करें।

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