डायबिटीज रोगियों को अपने खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए ताकि ब्लड ग्लूकोज का स्तर काबू में रहे। मधुमेह के रोगियों को अपने खान-पान से जुड़ी कई तरह की पाबंदियां झेलनी पड़ती है, क्योंकि अगर खून में ग्लोकूज का स्तर बढ़ जाए तो जान के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है। बॉडी में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने से डायबिटीज के मरीजों को हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।

अक्सर डायबिटीज के मरीज कुछ चीजों को लेकर शंका में रहते हैं की क्या वह उनका सेवन कर सकते हैं या फिर नहीं? ऐसा ही एक खाद्य पदार्थ है कद्दू। कद्दू का इस्तेमाल भारतीय घरों में सब्जी, हलवा और मिठाई आदि बनाने के लिए किया जाता है। इसमें बेहद ही कम कैलोरी होती है। साथ ही कद्दू में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, शुगर, कैल्शियम, आइरन, विटामिन सी और प्रोविटामिन ए भी मौजूद होता है। कद्दू में फैट बिल्कुल भी नहीं पाया जाता। ऐसे में कद्दू दिल के मरीजों के लिए किसी रामबाण से कम नहीं होता। लेकिन क्या डायबिटीज के रोगी भी कद्दू का सेवन कर सकते हैं? आइये जानते हैं-

एक्सपर्ट्स के मुताबिक कद्दू का सेवन सीमित मात्रा में किया जा सकता है। अगर डायबिटीज के रोगी कद्दू का सेवन सीमित मात्रा में करेंगे, तो उनका ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ता। क्योंकि कद्दू में मौजूद फाइबर खून में ग्लूकोज के स्तर को काबू में रखता है। कद्दू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 75 होता है।

अगर जीआई के हिसाब से देखा जाए तो कद्दू के सेवन से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। लेकिन जीएल यानी ग्लाइसेमिक लोड को मानक बनाया जाए तो यह ब्लड शुगर को घटाने में मदद करता है। बता दें की कद्दू का जीएल केवल 3 होता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को कद्दू का सेवन बेहद ही सीमित करना चाहिए।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में शरीर ग्लूकोज को ऊर्जा में तोड़ने की क्षमता पूरी तरह से खत्म हो जाती है, जिसके कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। इसलिए टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को लो कार्बोहाइड्रेट वाले फूड्स का सेवन करना चाहिए।