कैल्शियम बॉडी से लेकर ब्रेन तक की हेल्थ को दुरुस्त रखता है। डाइट में कैल्शियम का सेवन करने से दांत और हड्डियां मजबूत होती हैं। डाइट में कैल्शियम का सेवन करने से ब्रेन की हेल्थ दुरुस्त रहती है। दिल को सेहतमंद रखने के लिए कैल्शियम का सेवन जरूरी है। यह मांसपेशियों की गति और हृदय संबंधी कार्य में अहम भूमिका निभाता है।  कैल्शियम का सेवन हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने,दिल की सेहत में सुधार करने के लिए के लिए जरूरी है।

कैल्शियम एक ऐसा पोषक तत्व है जिसकी जरूरत हर इंसान को हर उम्र में होती है। कैल्शियम के डाइटरी सॉर्स की बात करें तो इसमें डेयरी उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, मेवे, सीड्स और फोर्टिफाइड प्रोडक्ट शामिल हैं।
हर उम्र में कैल्शियम की जरूरत बदलती रहती है। बच्चों और महिलाओं में कैल्शियम की कमी ज्यादा होती है। खासकर मीनोपॉज से गुजर रही महिलाओं में कैल्शियम की कमी ज्यादा उनकी सेहत को प्रभावित करती है।

रूबी हॉल क्लिनिक, पुणे में प्रसूति एवं स्त्री रोग डॉ. कोमल भादू ने बताया कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कैल्शियम का स्तर कम होने की संभावना अधिक होती है। महिलाओं में कैल्शियम की कमी हार्मोनल डिफरेंस, खासकर एस्ट्रोजन की भूमिका के कारण होती है। एस्ट्रोजन कैल्शियम अवशोषण में सहायता करता है, हड्डियों के घनत्व को बनाए रखने में अहम किरदार निभाता है।

महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को एस्ट्रोजन के स्तर में तेजी से गिरावट होती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है और कैल्शियम का स्तर कम हो जाता है। इसके अलावा महिलाओं की खाने-पीने की आदतें, गर्भावस्था और स्तनपान भी पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कैल्शियम के स्तर को अधिक प्रभावित कर सकता हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि बॉडी में कैल्शियम की कमी होने पर कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं और इसकी भरपाई कैसे करें।

महिलाओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण

  • मांसपेशियों में ऐंठन होना बॉडी में कैल्शियम की कमी के संकेत हो सकते हैं। ये ऐंठन अक्सर पीठ और पैरों में होती है और मांसपेशियों में दर्द के साथ भी हो सकती है।
  • हाथ,पैर और मुंह के आसपास सुन्नता और झुनझुनी महसूस होना। यह झुनझुनी तंत्रिका तंत्र की बढ़ती उत्तेजना के कारण होती है।
  • लगातार थकान और कमजोरी रहना बॉडी में कैल्शियम की कमी के संकेत हैं।
  • स्किन और नाखूनों के लिए कैल्शियम बेहद जरूरी है। कैल्शियम की कमी होने से स्किन से जुड़ी परेशानियां होने लगती हैं।
  • हाइपरकैल्सीमिया से दांतों में सड़न और पेरियोडोंटल बीमारी हो सकती है।
  • कैल्शियम का कम स्तर न्यूरोट्रांसमीटर फ़ंक्शन को प्रभावित करता है जिससे तनाव, अवसाद और चिड़चिड़ापन हो सकता है।
  • कैल्शियम की कमी ज्यादा होने से दिल की धड़कन अनियमित होने लगती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।
  1. कैल्शियम की कमी को इस तरह करें पूरा
  • कैल्शियम से भरपूर फूड्स का सेवन करें। कैल्शियम रिच फूड्स में आप दूध, पनीर, दही,पत्तेदार हरी सब्जियां, बादाम, अनाज और संतरे के जूस का सेवन करें।
  • विटामिन डी आंत में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है। कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए आप सूरज की रोशनी में रहें।
  • अगर आप कैल्शियम रिच फूड्स का सेवन नहीं करते तो आप कैल्शियम सप्लीमेंट का सेवन कर सकते हैं।
  • रेगुलर एक्सरसाइज करें। वॉकिंग करें इम्युनिटी स्ट्रांग होगी।