Job burnout: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने बर्न आउट को एक नई बीमारी माना है। इस बीमारी में लोग काम की वजह से थका हुआ महसूस करते हैं। यह एक ऐसी बीमारी जो ऑफिस में अधिक काम करने के कारण होने वाले स्ट्रेस की वजह से होता है। WHO ने अपनी लिस्ट में ‘बर्न आउट’ को मेडिकल कंडीशन बताते हुए अपनी लिस्ट में शामिल कर लिया है। WHO की लिस्ट में शामिल होने के अब इस बीमारी का इलाज भी किया जाएगा और इस बीमारी से कैसे छुटकारा पाया जाए इसका भी उपाय निकाला जाएगा।
WHO ने 2018 में अपनी इंटरनैशनल क्लासिफिकेशन ऑफ डिजीजेज (ICD) की लिस्ट तैयार कि थी जिसमें दुनियाभर के हेल्थ एक्सपर्ट्स नई-नई बीमारियों का पता लगाने में मदद करते हैं। हालही में इस बात का पता लगाया गया है कि बर्न आउट लंबे समय तक काम के कारण होने वाला स्ट्रेस है जिसको मैसेज किया जा सकता है।
WHO ने इस सिंड्रोम को 3 भाग परिभाषित किया है और बताया है कि किन कारणों से यह बीमारी हो सकती है:
1. अधिक काम होने के कारण थका हुआ महसूस करना या फिर एनर्जी कम हो जाना।
2. एक ही जॉब में लंबे समय तक रहने के कारण होने वाला तनाव या फिर वर्कप्लेस पर नकारात्मक महसूस करना।
3. प्रोफेशनल रूप से अपनी क्षमता को कम होते नजर आना।
बर्न आउट सिर्फ प्रोफेशनल तौर पर होने वाला एक स्ट्रेस है:
WHO ने अपने लेटेस्ट अपडेड में यह बताया है कि यह बीमारी सिर्फ प्रोफेशनल तौर पर होता है और इसे जीवन के किसी भी अन्य घटना से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। कई लोग अपनी रोजमर्रा की व्यस्त जीवन के कारण थका हुआ या फिर अधिक परेशान महसूस करते है जो बर्न आउट नामक बीमारी का रूप ले लेता है। इन्टाइटी हेल्थ की तरफ से हुई एक सर्वे से इस बात का पता चला है कि लगभग 40 प्रतिशत लोग सप्ताह में 3 बार अपने वर्क प्रेशर के कारण स्ट्रेस का सामना करते हैं।
बर्न आउट के लक्षण:
– नींद कम आना।
– सुबह उठने के बाद थकान महसूस करना
– अधिक काम के प्रेशर के कारण अपनों से दूरी बनाते जाना
– बात-बात पर गुस्सा आ जाना
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