Breast Cancer Symptoms: पूरी दुनिया की तरह भारत में भी स्तन कैंसर के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं और इसे सबसे आम कैंसर माना जाता है। स्तन कैंसर से प्रतिवर्ष पूरी दुनिया की 2.1 मिलियन महिलाएं प्रभावित होती हैं और पिछले साल भारत में 1,62,468 नए मामले सामने आए। महिलाओं में कैंसर से होने वाली मृत्यु में 15 प्रतिशत मृत्यु स्तन कैंसर से होती है। बता दें कि देश में स्तन कैंसर से 2018 में 87,090 महिलाओं की मृत्यु हुई। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार अन्य सभी कैंसरों की तुलना में 2030 तक स्तन कैंसर से भारत में सर्वाधिक महिलाओं की मृत्यु होगी।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ: जाने-माने कैंसर विशेषज्ञ और पारस कैंसर सेंटर – पारस अस्पताल गुरुग्राम के अध्यक्ष डॉ. (कर्नल) आर.रंगा राव, वीएसएम के अनुसार स्तन कैंसर के मरीज के जीवित रहने की दर बढ़ सकती है, यदि शुरुआती स्टेज में इसका पता चल जाए। परंतु बाद के स्टेज में पता चलने से मरीज़ के जीवित रहने की दर कम हो जाती है। इसलिए शुरुआती स्टेज में स्तन कैंसर का निदान बहुत महत्वपूर्ण है।
इस कारण बढ़ता है खतरा: स्तन कैंसर का खतरा कई कारणों से बढ़ता है। इनमें 10 प्रतिशत तक आनुवांशिक कारण हो सकता है; पर 90 प्रतिशत से अधिक कारण जीवनशैली से संबंधित हैं। जीवनशैली संबंधी कारणों में ज्यादा वज़न, मोटापा, शराब, तंबाकू का सेवन, व्यायाम की कमी, तैलीय चीज़ें अधिक खाना, फल और सब्जियां कम खाना है जिससे स्तन कैंसर का खतरा बढ़ता है। इनके अतिरिक्त अक्सर देर रात तक या लंबे नाइट शिफ्ट में काम करना, रसायनों और विकिरण के संपर्क में रहना भी कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
हार्मोन और प्रजनन संबंधी कारणों से भी ऐसा होता है जिसमें लंबे समय महिला हार्मोन (एस्ट्रोजन) लेने की वजह से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ता है। समय से पहले और देर से माहवारी बंद होना, संतान नहीं, कम या अधिक उम्र पर होना (30 साल से अधिक), कम स्तनपान कराना, गर्भ निरोधक गोलियों का अत्यधिक और लंबे समय तक उपयोग करना, स्तन का भारी होना भी कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं।
ये हैं स्तन कैंसर के लक्षण: स्तन में गांठ या मोटापन की अनदेखी नहीं करनी चाहिए और इस पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है। स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं गांठ बनना, स्तन से डिस्चार्ज होना, स्तन का आकार और स्वरूप बदलना, चकत्ते, निपल पर क्रस्ट और उसकी त्वचा पर डिम्पल पड़ना। स्तन कैंसर, इसके लक्षण, जल्दी पता लगाने का महत्व, नियमित रूप से खुद स्तन परीक्षण, जल्द निदान, शीघ्र उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाना बहुत आवश्यक है।