Brain Stroke Causes: सर्दी का मौसम सभी को अच्छा लगता है, लेकिन जैसे-जैसे सर्दी का मौसम बढ़ता है, तापमान कम होने से कई तरह की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे समय में जरा सी लापरवाही भी सेहत के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है। वर्तमान समय में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के कई मामले सामने आ रहे हैं। एक आंकड़े के अनुसार, भारत में हर तीन मिनट में एक व्यक्ति ब्रेन स्ट्रोक का शिकार होता है और अन्य मौसमों की तुलना में सर्दियों में यह घटना अधिक होती है। जलवायु परिवर्तन का शरीर के कार्यक्षमता पर धीरे-धीरे प्रभाव पड़ता है।

तापमान में कमी के कारण शरीर में रक्त जमने (Blood clotting) की संभावना होती है, जिससे शरीर की गति प्रभावित होती है। ऐसे में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं और मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है। नतीजतन, हृदय और मस्तिष्क को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता है। रक्त के थक्के ऑक्सीजन और ब्लड सर्कुलेशन में बाधा के कारण बनते हैं। उच्च रक्तचाप के कारण मस्तिष्क की ब्लड वेसेल्स फट जाती हैं, जिससे मस्तिष्क में ब्लीडिंग होता है।

ब्रेन स्ट्रोक के प्रकार

ब्रेन स्ट्रोक दो प्रकार के होते हैं, पहला इस्केमिक ब्रेन स्ट्रोक(Ischemic attack) है। इसमें दिमाग की धमनियों में खून का थक्का जमने के कारण ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है। नतीजतन, मस्तिष्क की कोशिकाओं को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। तो वह कोशिकाएं तेजी से नष्ट होने लगती हैं। दूसरे मामले में हेमोरेजिक स्ट्रोक(Hemorrhagic stroke) होता है। इसमें मस्तिष्क में एक ब्लड वेसेल्स फट जाती है, जिससे ब्लीडिंग होता है और इंट्राकैनायल क्षेत्र में ब्लड इकठ्ठा हो जाता है। इससे ब्रेन फंक्शन प्रभावित होता है। इस स्थिति में यदि जल्दी इलाज नहीं किया जाता है, तो प्रभावित रोगी को पैरालिसिस का अनुभव हो सकता है या दुर्लभ मामलों में स्थिति जानलेवा हो सकती है।

ब्रेन स्ट्रोक का इलाज

ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण महसूस होने पर मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए। इस समस्या के बाद के पहले तीन से चार घंटे बेहतर इलाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इलाज के दौरान स्ट्रोक की स्थिति के आधार पर डॉक्टर सीटी स्कैन, एमआरआई जैसे टेस्ट कराते हैं। यदि किसी मामले में ब्लड क्लॉटिंग बन गया है, तो इसका इलाज दवा से किया जा सकता है। लेकिन अगर धमनी फटने के कारण दिमाग के किसी हिस्से में खून का थक्का जम जाए तो सर्जरी ही एकमात्र विकल्प है।

ब्रेन स्ट्रोक के मुख्य लक्षण

किसी व्यक्ति में अचानक टेढ़ा चेहरा, किसी एक अंग में कमजोरी महसूस होना, हाथ उठाना और चलने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हों, तो उस व्यक्ति को उपचार के लिए तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए। इसके अन्य लक्षण इस प्रकार हैं –

  • बोलने में कठिनाई
  • घबराहट महसूस होना
  • सांस लेने में दिक्कत होना
  • भयानक सिरदर्द
  • चेहरे के एक तरफ सुन्नपन
  • धुंधली दृष्टि
  • उल्टी अथवा जी मिचलाना
  • कमजोरी के साथ भ्रम

ऐसे करें ख्याल

  • तनाव से बचें
  • योग और प्राणायाम करें।
  • धूम्रपान व शराब का सेवन न करें
  • धूप में टहलने जाएं, ठंड से बचने के लिए उपयुक्त गर्म कपड़े पहनें।
  • अगर आप माइग्रेन से पीड़ित हैं तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लें
  • यदि आप लगातार तेज सिरदर्द से पीड़ित हैं, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए और उचित इलाज कराना चाहिए।
  • अगर आप हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं तो नियमित रूप से दवाइयां लें और समय-समय पर अपना ब्लड प्रेशर चेक कराते रहें।

इन लोगों को है ज्यादा खतरा:

  • मधुमेह से पीड़ित लोग
  • हाई कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोग।
  • अनियंत्रित वजन वाले लोग
  • प्रेग्नेंट औरत
  • गर्भ निरोधक, हार्मोनल ड्रग्स लेने वाली महिलाएं
  • 55 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति
  • जटिल, गंभीर बीमारी का इलाज करा रहे मरीज
  • एनीमिया के मरीज