यूरिक एसिड एक ऐसी परेशानी है जिसके लिए खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। यूरिक एसिड बॉडी में बनने वाले टॉक्सिन हैं जो सभी की बॉडी में बनते हैं और किडनी उन्हें फिल्टर करके बॉडी से बाहर भी निकाल देती है। यूरिक एसिड का स्तर ज्यादा बढ़ाने के लिए प्यूरीन डाइट का अधिक सेवन बेहद जिम्मेदार है। डाइट में मटन या मटन के खास अंग जैसे किडनी का सेवन, समुद्री फूड का सेवन, अल्कोहल या फिर बीयर का अधिक सेवन करने से बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। 

बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने की परेशानी अक्सर 40 साल की उम्र के बाद होती है, लेकिन बिगड़ते खान-पान और लाइफस्टाइल ने इस बीमारी का कम उम्र में ही शिकार बना दिया है। महिला और पुरुषों में यूरिक एसिड की नार्मल रेंज अलग-अलग होती है। महिलाओं में यूरिक एसिड का नॉर्मल स्तर 2.5 से 6 mg/dL होना चाहिए जबकि पुरुषों में यूरिक एसिड का स्तर 3.5 से 7 mg/dL तक नॉर्मल माना जाता है। जिन महिलाओं और पुरुषों का यूरिक एसिड इस स्तर से ज्यादा होता है उनकी बॉडी में इसके लक्षण दिखने लगते हैं।

हाई यूरिक एसिड होने से जोड़ों में दर्द, उंगलियों में दर्द, घुटनों और एड़ियों में दर्द, कमर और गर्दन के जोड़ में दर्द होने जैसे लक्षण दिखते हैं। अगर लम्बे समय तक यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल नहीं किया जाए तो इन टॉक्सिन के क्रिस्टल बन जाते हैं और जोड़ों में दर्द का कारण बनते हैं। ऐसी स्थिति में गाउट का खतरा भी बढ़ने लगता है। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में कुछ घरेलू नुस्खे दवा की तरह काम करते हैं। 

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट स्वामी ध्यान नीरव ने बताया कि यूरिक एसिड के क्रिस्टल को तोड़कर बॉडी से बाहर निकालने के लिए लौकी के जूस के साथ काली मिर्च और अजवाइन के पाउडर का सेवन करें। ये खास जूस जोड़ों में होने वाले दर्द और सूजन को कम करता है। इस जूस का सेवन करने से यूरिक एसिड बॉडी से आसानी से बाहर निकल जाता है। आइए जानते हैं कि अजवाइन और काली मिर्च का सेवन कैसे यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है।

अजवाइन और काली मिर्च कैसे यूरिक एसिड कंट्रोल करते हैं?

ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर अजवाइन का सेवन करने से यूरिक एसिड के क्रिस्टल टूट कर यूरिन के साथ बाहर निकल जाते हैं। अजवाइन के बीज एंजाइम की गतिविधि को कम करते हैं और यूरिक एसिड को कंट्रोल करते हैं। इन सीड्स का सेवन करने से ब्लड से टॉक्सिन बाहर निकलते हैं।
काली मिर्च एक ऐसा मसाला है जो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। इस मसाले का सेवन करने से टॉक्सिन बॉडी से बाहर निकलते हैं और गठिया के दर्द से मुक्ति मिलती है। जोड़ों के दर्द को दूर करने में ये दोनों मसाले जादुई असर करते हैं।

लौकी का जूस कैसे यूरिक एसिड कंट्रोल करता है?

औषधीय गुणों से भरपूर लौकी के जूस में विटामिन ए और बीटा कैरोटीन मौजूद होता है जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है और गाउट के खतरे को कम करता है। लौकी में कई खनिज पदार्थ मौजूद होते हैं जो यूरिक एसिड पर लगाम लगाते हैं। लौकी के जूस के साथ काली मिर्च और अजवाइन को पीसकर उसका आधा चम्मच जूस में मिलाकर पीने से बिना दवाई के ही यूरिक एसिड कंट्रोल हो जाता है। आप अजवाइन और काली मिर्च का चूर्ण बनाने के लिए 50 ग्राम अजवाइन और 50 ग्राम काली मिर्च लें। दोनों को पीसकर एयर टाइट बोतल में रख दें और रोजाना आधा चम्मच इस पाउडर का लौकी के जूस में मिलाकर सेवन करें।