Diabetes Early Symptoms: एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2030 तक भारत में 9.8 करोड़ लोग टाइप 2 डायबिटीज के घेरे में होंगे। सरकारी आंकड़ों की मानें तो भारतीय व्यस्कों में 12 से 18 प्रतिशत डायबिटीज का खतरा बढ़ा है। ये आंकड़ा खासकर अर्बन इलाकों में रहने वाले लोगों को लेकर बताया गया है। मधुमेह बीमारी मुख्य रूप से दो कारणों से लोगों को अपनी चपेट में लेती है। इनमें अच्छी जीवनशैली का न होना और जेनेटिक कारण शामिल हैं। इससे साफ पता चलता है कि जिन लोगों की फैमिली हिस्ट्री में लोग डायबिटीज के मरीज रह चुके हैं, उन्हें इस बीमारी के प्रति ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे में अगर इस बीमारी से जुड़े लक्षणों को शुरुआती समय में पहचान लिया जाए तो मामला गंभीर होने से पहले रोका जा सकता है।
लगातार प्यास लगना: आमतौर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को स्वस्थ रहने के लिए अधिक पानी पीने की सलाह देते हैं। लेकिन जिन लोगों को बार-बार प्यास लगे या फिर पानी पीने के बावजूद गला सूखा रह जाए तो ऐसा शरीर में हाई ब्लड शुगर के कारण हो सकता है। वहीं, ज्यादा पानी पीने से लगातार पेशाब लगने की शिकायत हो सकती है। इस स्थिति को पॉली यूरिया कहा जाता है। डायबिटीज के लक्षणों में ये परेशानी भी शामिल है।
थकान होना: शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का कार्य कार्बोहाइड्रेट्स के जिम्मे होता है, लेकिन मधुमेह रोगियों के शरीर में कार्ब्स ठीक तरीके से ब्रेकडाउन नहीं हो पाते हैं। इस कारण शरीर को पूरी तरह एनर्जी नहीं प्राप्त हो पानी है। कम ऊर्जा के कारण इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को थकान की परेशानी हो सकती है। ऐसे में बिना काम के या फिर नींद पूरी होने के बाद भी अगर लोग थका-थका महसूस करते हैं तो मधुमेह इसका एक कारण हो सकता है।
कम हो रहा है वजन: सामान्य तौर पर जिन लोगों का वजन कम रहता है, उन्हें अधिक सेहतमंद माना जाता है। लेकिन अगर आप अच्छे से खा-पी रहे हैं और फिर भी आपका वजन घटते ही जा रहा है तो सतर्क हो जाएं। अचानक वजन कम होना डायबिटीज टाइप 2 के आम लक्षणों में से एक है जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं।