Blood Sugar: रक्त में ब्लड शुगर का बढ़ जाना एक आम समस्या बना हुआ है। अगर ब्लड शुगर बढ़ जाए तो इसे नियंत्रित करना बहुत जरूरी हो जाता है क्योंकि बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल किडनी और हृदय से जुड़ी बीमारियों का कारण बनता है। ब्लड शुगर के अधिक बढ़ जाने से अंधेपन की समस्या भी हो सकती है। इसलिए ब्लड शुगर के शुरुआती लक्षणों को पहचान कर उस पर नियंत्रण करना बेहद जरूरी हो जाता है।

ब्लड शुगर बढ़ने के लक्षण- अगर त्वचा में बार-बार फोड़े- फुंसी निकल रहे हैं और वो जल्दी ठीक नहीं हो पा रहे तो आपको एक बार अपने ब्लड शुगर के जांच की आवश्यकता है। ब्लड शुगर बढ़ जाने पर फोड़े फुंसी जल्दी ठीक नहीं होते और बार-बार निकलते हैं।

इसके अलावा ज्यादा भूख लगना, वजन का कम होना, बार बार पेशाब आना, कमजोरी महसूस होना और जल्दी थकान होना, ज्यादा प्यास लगना, आंखों से धुंधला दिखना- ये सभी ब्लड शुगर बढ़ने के लक्षण हैं।

ब्लड शुगर लेवल को कम करने के आयुर्वेदिक उपाय- ब्लड शुगर लेवल को खानपान और कुछ आसान से उपायों द्वारा कम किया जा सकता है। आयुर्वेद में भी ब्लड शुगर को कम करने के कई तरीके बताए गए हैं।

आंवला- आंवला के इस्तेमाल से ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। आयुर्वेद में इसका खासा महत्व है। इसमें पर्याप्त मात्रा में आयरन, क्रोमियम और फास्फोरस होता है जो इंसुलिन को अवशोषित करने का काम करता है। इससे हमारा ब्लड शुगर लेवल कुछ समय में ही नियंत्रण में आ जाता है।

अमलतास- अमलतास ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में आयुर्वेद में हमेशा से इस्तेमाल होता आया है। इसके लिए आप अमलतास की पत्तियों का जूस निकाल लें और रोज सुबह 3 चम्मच उसका सेवन करें।

त्रिफला- त्रिफला को कई बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ब्लड शुगर लेवल को भी कम करने का काम करते हैं। इसके चूर्ण को रोजाना सुबह डेढ़ चम्मच गुनगुने पानी के साथ लें।

दालचीनी- दालचीनी का इस्तेमाल कर ब्लड शुगर लेवल को एक महीने के अंदर ही कम किया जा सकता है। यह ब्लड शुगर लेवल को कम करता है साथ ही लंबे समय तक उसे बढ़ने नहीं देता। इसलिए दालचीनी को अपने भोजन में नियमित रूप से एक महीने तक शामिल करें।