डायबिटीज उम्र दराज लोगों के साथ युवाओं में भी तेजी से फैल रही है। डायबिटीज का मुख्य कारण होता है किसी भी व्यक्ति के शरीर में इन्सुलिन का कम मात्रा में बनना। आमतौर पर डायबिटीज को जड़ से खत्म करने का कोई पुख्ता इलाज भी नहीं है। इसलिए डायबिटीज होने से पहले ही आपको कई चीजों का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए। टाइप-2 डायबिटीज युवाओं के बीच पाई जाने वाली सामान्य बीमारी बनती जा रही है।
टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बच्चों पर भी बना हुआ है। ऐसे कई केस सामने आए हैं, जिसमें कम उम्र के बच्चों में डायबिटी टाइप-2 पाई गई है। पहले आपको डायबिटीज टाइप 1 और टाइप 2 में अंतर समझना बहुत जरूरी है। टाइप 1 डायबिटीज- जब पेनक्रियाज किसी भी प्रकार का इंसुलिन नहीं बनाता है। ऐसे ऑटोइम्यून डिस्ट्रक्शन के कारण होता है। कई बार बच्चों में इसी की वजह से डायबिटीज के अलावा थायरोड डिसॉर्डर और सेलिएक बीमारी भी हो जाती है।
टाइप 2 डायबिटीज- इसमें हमारा शरीर पूरी तरह इंसुलिन का उत्पादन नहीं रोकता है। इस स्थिति में इंसुलिन का उत्पान या तो अपर्याप्त होता है या शरीर के सेल्स इंसुलिन के प्रति अनुकूल प्रतिक्रिया नहीं देते हैं। इसलिए, गुलुकोज मेटाबोलिज्म प्रभावित होता है और शरीर में शुगर का लेवल ऊपर जाता रहता है। जिसे टाइप-2 डायबिटीज के नाम से भी जाना जाता है।
लक्षण- आमतौर पर डायबिटीज के कई लक्षण होते हैं, लेकिन कई बार इसे लक्षण से पकड़ पाना मुश्किल भी हो जाता है। करीब 40 प्रतिशत बच्चे इस डायबिटीज का सामना करते हैं। इसलिए इसे पकड़ने का सबसे ठीक तरीका है इसकी जांच करना। ऐसे में कुछ ऐसे लक्षण होते हैं जो डायबिटीज की तरफ इशारा करते हैं।
कई बार जरूरत से ज्यादा और बार-बार प्यास लगना भी डायबिटीज का कारण बन सकता है। साथ ही बार-बार पेशाब आने की स्थिति भी हाई-डायबिटीज का कारण समझी जाती है। इसके अलावा तेजी से वजन गिरना, हालांकि टाइप-2 डायबिटीज में कई बार वजन नहीं भी कम होता है। लेकिन टाइप 1 में वजह का गिरना कॉमन लक्षण माना जाता है।
डॉक्टर के पास कब जाएं: अगर आपको डायबिटीज से संबंधित कोई भी लक्षण नज़र आता है तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कई बार डायबिटीज के साथ कई गंभीर बीमारियां भी हो जाती हैं। डायबिटीज का सीधा असर मरीज के लीवर और किडनी पर पड़ता है। कई मरीजों में देखा गया है कि डायबिटीज के कारण दिल की बीमारी भी हो सकती है। इसलिए कभी भी डायबिटीज के लक्षण को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए।
