डायबिटीज के मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। डायबिटीज के कारण और भी कई प्रकार की बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए मरीजों को समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच कराते रहना चाहिए।
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को हर 3 महीने के अंतराल में ब्लड शुगर टेस्ट कराना चाहिए। साथ ही मरीजों के लिए यह जानना भी जरूरी है कि हर 3 महीने पर ब्लड शुगर का स्तर कितना होना चाहिए।
डायबिटीज के मरीजों को अपना ब्लड शुगर का स्तर जानने के लिए हीमोग्लोबिन A1C व HbA1c टेस्ट की मदद से अपना ब्लड शुगर का पता लगा सकते हैं। इस टेस्ट की मदद से पिछले 2 से 3 महीने में ब्लड शुगर में हुए उतार चढ़ाव का भी पता लगाया जा सकता है। साथ ही इस टेस्ट की मदद से मरीज अपनी सेहत और ब्लड शुगर के स्तर का भी ख्याल रख सकते हैं।
कैसे कराएं मरीज HbA1c टेस्ट
ब्लड शुगर लेवल पता लगाने के लिए मरीज कि उंगली या बाजू से ब्लड की कुछ बूंदे ली जाती हैं। बता दें की इस टेस्ट को कराने से पहले मरीज को कोई खास तैयारी करने की जरूरत नहीं होती है। इसके अलावा इस टेस्ट को मरीज किसी भी समय करा सकते हैं। इसके लिए खानपान से जुड़ी कोई पाबंदी भी नहीं होती हैं। बता दें की इस टेस्ट की मदद से ही पता लगाया जा सकता है कि मरीज डायबिटीज से पीड़ित है या नहीं या फिर उसके शरीर में ब्लड शुगर का स्तर क्या है।
3 महीने में कितना होना चाहिए ब्लड शुगर का स्तर
डायबिटीज मरीजों के लिए जितना जरूरी यह टेस्ट करवाना होता है ठीक उसी प्रकार इस टेस्ट के नतीजों को समझना भी होता है। यदि किसी मरीज में HbA1c 5.7 % से कम है तो उसे नॉर्मल समझा जाता है। वहीं 5.7 % से 6.4 % के बीच हो तो इसे प्री-डायबिटीज माना जाता है। जबकि 6.5% से ज्यादा होने पर डायबिटीज से पीड़ित बताया जाता है।
क्यों जरूरी है HbA1c टेस्ट
इस टेस्ट की मदद से डायबिटीज मरीजों में पिछले 3 महीने के ब्लड शुगर लेवल का पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा इस टेस्ट के माध्यम से डायबिटीज को कंट्रोल करने की स्थिति का भी पता लगाया जा सकता है। वहीं इस टेस्ट के जरिए यह भी पता लगाया जा सकता है कि मरीज की हालत में कितना सुधार हुआ है। इसके ही इंसुलिन के जरूरतों का भी अंदाजा लगाया जा सकता है।