मधुमेह एक ऐसी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। अक्सर लोगों द्वारा माना जाता है कि कुछ फल मधुमेह रोगियों के लिए हानिकारक हो सकते है क्योंकि इसमें चीनी की मात्रा होती है। हालांकि, कुछ कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए फलों का आनंद लिया जा सकता है।

अंगूर बहुत सारे आवश्यक विटामिन और खनिजों से भरे होते हैं। अंगूर में विटामिन सी, के, और बी 6, साथ ही साथ थायमिन, राइबोफ्लेविन, पोटेशियम, तांबा और मैंगनीज जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिकम विटामिन के ब्लड को गढ़ाकर उसे बहने से रोकता है, जबकि विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट स्रोत है।

हालांकि आमतौर माना जाता है कि डायबिटीज के मरीजों को अंगूर नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें ग्लाइकोमेसिक इंडेक्स ज्यादा होता है। लेकिन आपको बता दें कि काले अंगूर में फाइबर खूब होता है और ये शुगर कंट्रोल करने में मददगार साबित होते हैं।

कई शोध में यह बात साबित हो चुकी है कि काले अंगूर शरीर में इंसुलिन के प्रोडक्शन को बेहतर बनाते हैं जिससे शरीर अपने बढ़े हुए शुगर को पचाने लगता है। जिससे की ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है। हालांकि अंगूर खाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि एक दिन में ज्यादा काले अंगूर ना खाएं क्योकि काले अंगूर का ज्यादा सेवन शुगर कंटेंट ब्लड शुगर बढ़ा सकता है।

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक साबुत फल, सेब, ब्लूबेरी और अंगूर का सेवन टाइप 2 डायबिटीज में जोखिम को कम कर सकता है। इसके अलावा रेस्वेराट्रोल एक रासायनिक यौगिक है जो भोजन के बाद शरीर द्वारा शुगर को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है। अंगूर में रेस्वेराट्रोल पाया जाता है और इस कारण मधुमेह रोगियों को उनके रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में अंगूर मदद कर सकते हैं।

आपको बता दें कि काले अंगूरों में पाए जाने वाले ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन नामक कैरोटेनॉयड्स तत्व डायबिटीज के चलते आंखों की परेशानियों से जूझ रहे लोगों को फायदा पहुंचाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार काले अंगूर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, आंखों को अंदर से स्वस्थ रखने के साथ साथ आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है।