यूरिक एसिड एक ऐसी समस्या है जिससे आज के समय में लाखों लोग परेशान हैं। ये शरीर में प्यूरीन नामक रसायन के टूटने पर बनने वाला एक टॉक्सिन होता है। वहीं, हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो वयस्क महिलाओं में 2.5 से 6 mg/dL और वयस्क पुरुषों में 3.5 से 7 mg/dL तक यूरिक एसिड का लेवल नॉर्मल होता है। इससे अधिक मात्रा में होने पर ये बॉडी के लिए खतरा बनता चला जाता है।
दरअसल, आमतौर पर किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर कर बॉडी से बाहर कर देती हैं। हालांकि, शरीर में अधिक मात्रा में मौजूद होने पर किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर नहीं कर पाती है, ऐसे में ये क्रिस्टल के रूप में बॉडी के छोटे ज्वाइंट्स में जमा होना शुरू हो जाता है। इससे हड्डियों के बीच में गैप बढ़ जाता है, हड्डियां कमजोर पड़ने लगती हैं और व्यक्ति को हाथ-पैर की उंगलियों, अंगूठे, घुटनों, आदि में तेज दर्द परेशान करने लगता है।
इसके अलावा यूरिक एसिड बढ़ने पर जोड़ों की शेप बदलने लगती है, गाउट की परेशानी बढ़ जाती है, साथ ही ये आपकी किडनी पर भी बेहद खराब असर डालता है। इतना ही नहीं, कई बार तो जोड़ों में ऐंठन इतनी बढ़ जाती है कि पीड़ित को चलने-फिरने में भी तेज दर्द का अहसास होने लगता है। वहीं, वैसे तो हाई यूरिक एसिड यानी हाइपरयूरिसीमिया की परेशानी से निजात पाने के लिए बाजार में तमाम तरह की दवाएं उपलब्ध हैं। हालांकि, आप चाहें तो घर पर भी कुछ खास चीजों को अपनी डाइट का हिस्सा बनाकर इस समस्या से काफी हद तक निजात पा सकते हैं। इसी कड़ी में इस लेख में हम आपको एक ऐसी ही खास चीज के बारे में बता रहे हैं।
क्या है ये खास चीज?
कई हेल्थ रिपोर्ट्स बताती हैं कि नियमित तौर पर काली गाजर का सेवन हाई यूरिक एसिड की परेशानी पर बेहद असरदार साबित हो सकता है। खासकर ठंड के मौसम में लाल गाजर से अलग काली गाजर का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
कैसे पहुंचाती है फायदा?
दरअसल, काली गाजर में एंथोसायनिन पॉलीफेनोल यौगिक पाए जाते हैं, जो यूरिक एसिड की समस्या पर असरदार हैं। साथ ही काली गाजर में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण यूरिक एसिड बढ़ने पर जोड़ों में होने वाले दर्द, सूजन और ऐंठन से भी राहत दिलाते हैं। इन सब के अलावा काली गाजर में फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है, जो भी यूरिक एसिड से परेशान लोगों के लिए अच्छा माना जाता है।
दरअसल, फाइबर रिच फूड मेटाबोलिज्म तेज करते हैं, जिससे प्यूरिन के जल्दी पाचन में मदद मिलती है। वहीं, जैसा की ऊपर जिक्र किया गया है, यूरिक एसिड के लिए प्यूरिन ही जिम्मेदार होता है। ऐसे में काली गाजर के सेवन से ये जोड़ों में जमा न होकर मल और पेशाब के रास्ते पहले ही बॉडी से बाहर आ जाता है। इस तरह यूरिक एसिड की परेशानी बढ़ने पर काली गाजर का सेवन आपको फायदा पहुंचा सकता है।
कैसे करें सेवन?
इससे पहले बता दें कि काली गाजर स्वाद में सामान्य गाजर के जैसी ही होती है, सिर्फ इसका रंग गहरा होता है, जिसके कारण इसको काली गाजर कहते हैं। ऐसे में आप इसे लाल गाजर की तरह ही सलाद में खा सकते हैं, काली गाजर का जूस बना सकते हैं या सब्जी बनाकर भी काली गाजर का सेवन किया जा सकता है।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।