आजकल अधिकतर लोग दांत साफ करने के लिए टूथब्रश और टूथपेस्ट का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन पुराने समय में दातुन और उंगली से दांत साफ किए जाते थे। आयुर्वेद के अनुसार, दातुन आज भी दांतों की सफाई का सबसे प्राकृतिक और फायदेमंद तरीका माना जाता है। मुंबई के वेदा हेल्थब्लिस आयुर्वेदा के फाउंडर और एमडी आयुर्वेद डॉ. राहूल मारवाह बताते हैं कि अच्छे दांत केवल मुस्कान ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर की सेहत को प्रभावित करते हैं। इसलिए दांतों की सही तरह सफाई बेहद जरूरी है। तो चलिए जानते हैं कि दांत साफ करने के लिए दातून, उंगली या ब्रश, कौन सा तरीका बेहतर है।
दांतों की सफाई न करना सेहत पर भारी
डॉ. राहूल बताते हैं कि दांतों की नियमित सफाई न करने से कई तरह की दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। इसमें कैविटी, मसूड़ों में सूजन, पायरिया, मुंह से बदबू आना जैसी समस्याएं आम हैं। बच्चों में यह लापरवाही और भी भारी पड़ती है, क्योंकि सुबह ब्रश न करने से उनमें ताजगी महसूस नहीं होती, वे सुस्त रहते हैं और उनकी मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ सकता है। आयुर्वेद में शरीर के हर हिस्से को साफ रखने पर जोर दिया गया है, ताकि शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान बना रहे।
दातुन को बताया गया सबसे अच्छा विकल्प
आयुर्वेदिक दृष्टि से दातुन दांत साफ करने का सबसे बेहतर और प्राकृतिक तरीका है। डॉ. राहूल के अनुसार, नीम, बबूल और खैर की दातुन दांतों और मसूड़ों को मजबूत बनाती है। इन दातुनों का स्वाद कड़वा, कसैला और हल्का मीठा होता है, जो कफ कम करने, मुंह की बदबू दूर करने और ताजगी देने में मदद करता है। टूथपेस्ट की मिठास और उसमें मौजूद केमिकल्स कई बार दांतों के लिए हानिकारक भी साबित हो सकते हैं। मिठास मुंह में लंबे समय तक बनी रहती है, जिससे कैविटी बढ़ती है। वहीं दातुन एक प्राकृतिक क्लीनर की तरह काम करती है और लंबे समय तक ताजगी बनाए रखती है।
उंगली से दांत साफ करने के फायदे
उंगली से दांत साफ करना भी एक अच्छा विकल्प है, खासकर तब जब आप दातुन नहीं कर पा रहे हों। बाजार में कई हर्बल दंतमंजन उपलब्ध हैं, जिनमें दातुन जैसी खूबियां हैं और इन्हें उंगली से इस्तेमाल करने पर अच्छे परिणाम मिलते हैं। उंगली दांतों के हर कोने में आसानी से पहुंच जाती है और मसूड़ों की मसाज भी कर देती है, जिससे रक्त संचार बढ़ता है और मसूड़े मजबूत होते हैं। टूथब्रश की सीमाएं होती हैं, जबकि उंगली या दातुन अधिक प्रभावी तरीके से सफाई कर पाते हैं।
कुल्ला करना है सबसे जरूरी आदत
डॉ. राहूल के अनुसार, केवल दांत साफ करना ही काफी नहीं है, बल्कि कुल्ला करना भी उतना ही जरूरी है। सुबह उठकर और रात को सोने से पहले दो बार दांत साफ करना तो अनिवार्य है, लेकिन दिन में कुछ भी खाने के बाद कुल्ला जरूर करना चाहिए। दिन में चौदह बार कुल्ला करने से दांत और मसूड़े लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं।
