तुलसी केवल धार्मिक महत्व की चीज नहीं है बल्कि यह कई तरह की बीमारियों के लिए बेहतरीन औषधि भी है। विज्ञान में बेसिल लीव्स के नाम से जानी जाने वाली तुलसी लगभग हर घर के आंगन में पाई जाती है। प्राकृतिक गुणों से भरपूर यह पौधा कई तरह की गंभीर बीमारियों के इलाज के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी की पत्तियां खाने से किडनी स्टोन को खत्म करने में काफी मदद मिलती है। इसके अलावा इसका सेवन करने से त्वचा संबंधी अनेक बीमारियां भी दूर हो जाती हैं। तुलसी का सेवन करने से इन्फेक्शन आदि रोगों से भी निजात मिल जाती है।
तुलसी के पत्ते में पोषक तत्वों के साथ विटामिन और खनिज लवण काफी मात्रा में पाए जाते हैं। इनकी पत्तियों का सेवन हर दिन करने से शरीर के रोगाणु खत्म हो जाते हैं और शरीर को रोगमुक्त होने में काफी मदद मिलती है। तुलसी में मौजूद एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल और एंटी फंगल के गुण कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने में काफी सहायता करते हैं। तुलसी में कई तरह के पोषक तत्वों के साथ विटामिन K की भी काफी मात्रा पाई जाती है। गर्भावस्था में महिलाएं अगर प्रतिदिन तुलसी की 2-3 पत्तियों का सेवन करें तो उनके शरीर में खून की कमी नहीं होगी। यह रक्त का थक्का बनाने में भी सहायक होता है।
गर्भावस्था में तुलसी के पत्ते के अनेक फायदे हैं। तुलसी में मौजूद विटामिन ए भ्रूण के विकास में मदद करता है। इसके अलावा यह भ्रूण के तंत्रिका तंत्र को भी विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तुलसी में मैग्नीशियम की भी काफी मात्रा पाई जाती है। यह गर्भवती महिलाओं के शरीर को स्वस्थ तो रखती ही है, साथ ही साथ यह उसके पेट में पल रहे बच्चे की हड्डियों को भी काफी मजबूत बनाता है। यह गर्भवती महिलाओं में स्वस्थ रक्त की कमी पूरी करती है। इस दौरान अगर महिलाओं के शरीर में रक्त की कमी होती है तो तुलसी के पत्ते का सेवन करने से इस समस्या से निजात मिल जाती है। तुलसी के पत्ते में ऐसे कई तत्व होते हैं जो हिमोग्लोबिन की कमी को दूर करते हैं तथा लाल रक्त कणिकाओं में भी वृद्धि करते हैं।