कैंसर एक जानलेवा बीमारी है जिनके मरीजों की संख्या में तेजी से इज़ाफा हो रहा है। खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से पनपने वाली कैंसर की बीमारी में कैंसर की कोशिकाओं में वृद्धि होती है और कई गुना बढ़ जाती हैं। कैंसर दुनियाभर में लाखों पुरुषों और महिलाओं को प्रभावित कर रहा है। देश और दुनिया में 5 तरह के कैंसर के मरीज ज्यादा हैं जिसमें ब्रेस्ट कैंसर,लंग्स कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, स्किन कैंसर लोगों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है। कैंसर की बीमारी बॉडी के जिस हिस्से से शुरू होती है कैंसर के उस प्रकार को उसी हिस्से के नाम से जाना जाता है।
कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव करने के लिए शोधकर्ता नई-नई रिसर्च करते रहते हैं। हाल ही में एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि कैंसर की रोकथाम करने के लिए मधुमक्खी का जहर बेहद असरदार साबित होता है। ये जहर कैंसर कोशिकाओं को एक घंटे में मारने की ताकत रखता है। आइए रिसर्च से जानते हैं कि कैसे मधुमक्खी का जहर कैंसर की कोशिकाओं को मारता है।
मधुमक्खी का जहर कैसे कैंसर की कोशिकाओं को मार सकता है?
हैरी पर्किन्स इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पता लगाया है कि मधुमक्खी का जहर कैंसर कोशिकाओं को मार सकता है। अध्ययन में जहर में मौजूद पेप्टाइड मेलिटिन पर गंभीरता से प्रकाश डाला गया। इस जहर का इस्तेमाल ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं को तेजी से नष्ट कर सकता है। चूहों पर की गई रिसर्च के मुताबिक मेलिटिन को कीमोथेरेपी के साथ मिलाने पर चूहों में ट्यूमर की कोशिकाओं का विकास कम देखा गया। रिसर्च के मुताबिक मधुमक्खी का जहर ट्रिपल-निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर और HER2-ब्रेस्ट कैंसर कोशिकाओं को तेजी से नष्ट कर देता है।
पेप्टाइड मेलिटिन क्या है और ये कैसे कैंसर पर काबू पाता है?
मेलिटिन मधुमक्खी के जहर का प्रमुख घटक है। इस पावरफुल पेप्टाइड में एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीवायरस और एंटी माइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं को मारने में असरदार होते हैं। रिसर्च के मुताबिक मेलिटिन और डोसीटैक्सेल का कॉम्बिनेशन चूहों में ट्यूमर के विकास को कम करने में बहुत प्रभावी साबित हुआ। मेलिटिन कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाता है और उन्हें जड़ से मारने का काम करता है। हालांकि इस जहर को इंजेक्ट करने पर कैंसर की जगह पर दर्द, सूजन और रेडनेस आती है। 2020 में की गई ये रिसर्च अंतरराष्ट्रीय जर्नल एनपीजे नेचर प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित हुई थी।
अध्ययन में पाया गया कि मेलिट्टिन 60 मिनट के अंदर कैंसर कोशिका झिल्ली को नष्ट कर सकता है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि बहुत ज्यादा एग्रेसिव ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए मेलिटिन का उपयोग छोटे अणुओं या कीमोथेरेपी, जैसे डोकैटेक्सेल, के साथ किया जा सकता है। मेलिट्टिन और डोसेटेक्सेल का कॉम्बिनेशन चूहों में ट्यूमर के विकास को कम करने में बेहद कुशल था।