सर्दियों में मिलने वाली हरी सब्जियों में बथुआ सबसे अधिक पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। आमतौर पर गेहूं के साथ उगने वाला यह पौधा सब्ज़ी, रायता और सूप के रूप में खूब खाया जाता है, लेकिन पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में इसे एक शक्तिशाली हर्ब का दर्जा दिया गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, बथुआ न सिर्फ पाचन तंत्र को मजबूत करता है बल्कि लिवर और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों की कार्यक्षमता को सुरक्षित और बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाता है।
एक्सपर्ट बताते हैं कि बथुए की तासीर स्वभाव से ठंडी होती है, जो लिवर की सूजन, अतिरिक्त गर्मी और असंतुलन को शांत करने में मदद करती है। आयुर्वेद के मुताबिक बथुआ के “शीतवीर्य” (Cold Potency) गुण शरीर की गर्मी, सूजन और पित्त दोष को शांत करते है। 100 ग्राम बथुआ अग्नि को संतुलित रखते हुए पाचन में सुधार करता है, लेकिन शरीर में अतिरिक्त गर्मी नहीं बढ़ाता। शरीर में जब टॉक्सिन जमा होने लगते हैं तो लिवर पर दबाव बढ़ जाता है, ऐसे में बथुआ में मौजूद प्राकृतिक क्षार (Alkalis) और एंटीऑक्सीडेंट इस डिटॉक्स प्रक्रिया को तेज कर देते हैं और शरीर को हल्का व साफ महसूस कराते हैं।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर मदन मोहन ने बताया नियमित रूप से बथुआ का उबला पानी या हल्की मसालेदार भाजी खाने से पाचन तंत्र बेहतर होता है, जिससे लिवर को राहत मिलती है। पाचन सुधरने पर लिवर अपने कार्य सुचारू रूप से करता है और फैटी लिवर जैसी समस्याओं का खतरा कम हो सकता है। किडनी स्टोन और पेशाब संबंधी परेशानियों में घरेलू स्तर पर बथुआ बड़ी राहत देता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि बथुआ का सेवन लिवर और किडनी की सेहत पर कैसा असर करता है।
बथुआ लिवर को कैसे पहुंचाता है फायदा?
बथुआ एक ऐसी हरी सब्जी है जिसका सेवन करने से लिवर की गर्मी शांत होती है। बथुए की तासीर ठंडी मानी जाती है। यह लिवर की सूजन और जलन को कम करता है। इससे लिवर की कार्यक्षमता बेहतर होती है। बथुआ का सेवन डिटॉक्सिफिकेशन में भी मदद करता है। बथुआ प्राकृतिक डिटॉक्स सब्ज़ियों में माना जाता है। इसका रस और उबला पानी शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे लिवर पर दबाव कम होता है। ये सब्जी पाचन सुधार कर लिवर का भार घटाती है। बथुआ पाचन शक्ति बढ़ाता है, गैस, अपच को ठीक करता है। जब पाचन सही रहता है, तो लिवर पर कम दबाव पड़ता है और लिवर बेहतर तरीके से काम करता है।
बथुआ खाने से किडनी की सेहत पर कैसा होता है असर?
कच्चे बथुए का रस निकालकर उसमें शक्कर मिलाकर पीने से किडनी स्टोन का भी इलाज किया जा सकता है। ये पथरी को सॉफ्ट करके तोड़ने और बाहर निकालने में मदद करता है। इससे किडनी की सूजन और जलन में राहत मिलती है। बथुआ पेशाब को साफ और खुलकर आने में मदद करता है। जिन लोगों को पेशाब रुक-रुककर आता है, पेशाब में जलन और दर्द होता है वो बथुआ का सेवन करें। बथुआ का सेवन उसका सूप बनाकर और मूंग की दाल के साथ करें तो आपको फायदा होगा। बथुए में प्राकृतिक क्षार मौजूद होता हैं, जो शरीर का pH संतुलन सुधारता हैं और किडनी को बेहतर काम करने में मदद करता हैं।
बथुआ का सेवन करने पर सेहत को कौन कौन से फायदे होते हैं?
रोज सर्दी में बथुआ का सेवन करें तो कब्ज दूर होता है। ये सब्जी पेट की गैस, कीड़े और दर्द में राहत देता है। ये ब्लड को शुद्ध करता है, स्किन के रोगों से बचाव करता है। इसका सेवन करने से स्किन की खुजली का इलाज होता है। महिलाओं के लिए बथुआ का सेवन बहुत फायदेमंद है। ये पीरियड के दौरान होने वाले दर्द से राहत दिलाता है।
बथुआ सेवन कैसे करें?
- बथुआ का सेवन आप कम मसालों की सब्ज़ी बनाकर करें।
- सेंधा या काला नमक उपयोग करें
- गाय या भैंस के घी से हल्का छौंक
- बथुए का उबला पानी पिएं
- दही में रायता बनाकर बथुआ का सेवन करें
- कच्चे रस में थोड़ा नमक मिलाकर पी सकते हैं
