डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो चुपके से कब आ जाती है पता ही नहीं चलता। ये बीमारी रातों-रात नहीं पनपती बल्कि इसके लिए सालों की आपकी खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल, तनाव और बॉडी एक्टिविटी में कमी जिम्मेदार है। डायबिटीज को अगर समय रहते कंट्रोल नहीं किया जाए तो ये बीमारी कई क्रॉनिक बीमारियों का कारण बनने लगती है। हाई ब्लड शुगर से किडनी,लंग्स और आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। अगर समय रहते इस कंडीशन को कंट्रोल नहीं किया जाए तो ये डायबिटीज मरीजों की यूरिन से जुड़ी परेशानियों को भी बढ़ा सकता है।
जिन लोगों का लम्बे समय तक ब्लड शुगर हाई रहता है उन्हें पेशाब रुक-रुक कर आने की दिक्कत हो सकती है। आइए जानते हैं कि डायबिटीज और यूरिन से जुड़ी समस्याओं का क्या है कनेक्शन और इस स्थिति का देसी इलाज कैसे करें।
डायबिटीज और यूरिन संबंधी समस्याएं
लंबे समय तक नियंत्रित न होने वाली डायबिटीज से पेशाब आने में दिक्कत होना एक आम समस्या है। हाई ब्लड शुगर के कारण न सिर्फ किडनी प्रभावित होती हैं, बल्कि इससे यूरिन सिस्टम में संक्रमण और पेशाब रुक-रुक कर आने जैसी परेशानियां भी बढ़ जाती हैं। यह समस्या तब होती है जब ब्लड शुगर की वजह से नसों और किडनी की नलिकाओं को नुकसान पहुंचता है, जिससे पेशाब सही तरीके से नहीं निकल पाता। इसके अलावा डायबिटीज के कारण संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है, जिससे पेशाब में जलन, बार-बार पेशाब आना या रुक-रुक कर पेशाब आना जैसी दिक्कतें होती हैं।
डायबिटीज मरीज कैसे ब्लड शुगर कंट्रोल करें और यूरिन की बीमारियों से करें बचाव
डायबिटीज और पेशाब से जुड़ी समस्याओं में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां भी मददगार साबित हो सकती हैं। कुछ जड़ी-बूटियां जैसे मेथी, जामुन, गिलोय और मुली ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकती है। ये सभी हर्ब्स और फूड किडनी की सफाई करने में मदद करते हैं।
आयुर्वेदाचार्य तन्मय गोस्वामी ने डायबिटीज मरीजों को ब्लड शुगर नॉर्मल करने के लिए और यूरिन से जुड़ी परेशानी से बचाव करने के लिए दो आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन करने की सलाह दी हैं। ये हर्ब्स डायबिटीज कंट्रोल करेंगी और ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल भी करेंगी। एक्सपर्ट ने बताया अगर आप त्रिफला और गुडूची का सेवन करें तो आसानी से इन दोनों बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि त्रिफला और गुडूची कैसे ब्लड शुगर नॉर्मल करते हैं और पेशाब में होने वाली दिक्कतों को दूर करते हैं।
त्रिफला कैसे ब्लड शुगर करता है कंट्रोल
त्रिफला जो तीन फल आंवला, हरीतकी और बिभीतकी का मिश्रण है। ये आयुर्वेद में एक बहुत ही प्रसिद्ध और प्रभावशाली हर्बल फार्मूला माना जाता है। यह हर्ब मेटाबॉलिज्म को सुधारता है और ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करता है। एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर त्रिफला इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाता है, जिससे शरीर ग्लूकोज को बेहतर तरीके से उपयोग कर पाता है। नियमित उपयोग से यह ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करता है।
त्रिफला कैसे पेशाब से जुड़ी परेशानियां करता है दूर
त्रिफला में मौजूद तत्व किडनी और urinary system को हेल्दी रखने में असरदार साबित होता है। ये बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालते हैं और मूत्र मार्ग को साफ करते हैं, जिससे पेशाब में जलन, रुक-रुक कर पेशाब आना जैसी समस्याओं का इलाज होता है। इसके सेवन से मूत्र प्रवाह नॉर्मल होता है और यूरिन संबंधी संक्रमण की संभावना भी घटती है।
गुडूची और ब्लड शुगर का कनेक्शन
गुडूची जिसे अमृता भी कहा जाता है ये एक पावरफुल आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। इस जड़ी बूटी का सेवन करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है और तनाव कंट्रोल रहता है। गुडूची ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मददगार साबित होती है,क्योंकि यह लीवर और पाचन तंत्र को डिटॉक्स करती है, जिससे शरीर बेहतर तरीके से ग्लूकोज का उपयोग कर पाता है। गुडूची शरीर में इंसुलिन के उत्पादन और क्रिया को बढ़ावा देती है, जिससे डायबिटीज मरीजों को फायदा होता है।
गुडूची और पेशाब की समस्याएं
गुडूची में सूजन-रोधी और मूत्रवर्धक गुण होते हैं, जो मूत्राशय और किडनी की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यह जड़ी बूटी मूत्र मार्ग को साफ़ करती है और पेशाब के दौरान होने वाली जलन और असुविधा को कम करती है। गुडूची का नियमित सेवन पेशाब की रुकावटों को दूर कर मूत्र प्रवाह को बेहतर बनाता है, जिससे पेशाब संबंधी दिक्कतें कम हो जाती हैं।
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