खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव आपको पेट के रोगों का शिकार बना रहा है। खराब डाइट का ही नतीजा है कि तेजी से पेट के रोगों का खतरा बढ़ता जा रहा है। भारत में पेट से संबंधित रोगियों की संख्या में तेजी से इज़ाफा हो रहा है। पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि शहरों में रहने वाले लोगों में पाचन संबंधी समस्याओं में बढ़ोतरी हुई है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक शहरी भारत में हर 10 में से 7 लोग पेट की समस्याओं से पीड़ित हैं। पाचन से जुड़ी परेशानियों में ज्यादातर लोग पेट की गैस, कब्ज, एसिडिटी, अपच और खाने के बाद वोमिटिंग से परेशान रहते हैं।
पेट से जुड़ी परेशानियों का इलाज करने के लिए लोग डॉक्टर बदलते हैं, कई तरह के टेस्ट करता हैं, खाली पेट और खाने के बाद दवाइयों का सेवन करते हैं। आप जानते हैं कि इन सब कामों को करने से पहले अगर आप अपनी डाइट में बदलाव कर लें तो आपको किसी भी तरह की दवा और टेस्ट कराने की जरूरत नहीं होगी।
क्लीनिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ कुमार ने बताया अगर आपको पेट की कोई भी बीमारी है उसमें सबसे पहले आप अपनी डाइट पर जोर दें। कुदरत ने हर फूड के अपने फायदे बनाए हैं। कुछ फूड सेहत के लिए अमृत हैं जो किसी एक को फायदा पहुंचाते हैं तो दूसरे को नुकसान पहुंचाते हैं। आप अपनी बॉडी को समझें और डाइट से उस फूड को स्किप करें जो आपकी बॉडी को नुकसान पहुंचाता है।
जिन लोगों को पाचन से जुड़ी परेशानियां होती है उन्हें कुछ फूड आसानी से पचते नहीं है और उन्हें खाकर पेट में गैस, एसिडिटी और अपच की परेशानी होती है। जो फूड आपके गट को नुकसान पहुंचाते हैं आप उनसे परहेज करें। कुछ फूड्स का सेवन करने से मेटाबॉलिक रेट बढ़ जाता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कौन से फूड्स का सेवन करने से गट हेल्थ बिगड़ती है और उसके परहेज करने की जरूरत है।
भैंस के दूध से करें परहेज
दूध का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है लेकिन जिन लोगों को गट की प्रॉब्लम है वो भैंस का दूध पीने से परहेज करें। भैंस का दूध आसानी से डाइजेस्ट नहीं होता, अगर आप दूध पीना चाहते हैं तो गाय का दूध पिएं, मदर डेयरी दूध का सेवन कर सकते हैं। अगर आप भैंस के दूध का सेवन कर रहे हैं तो आप उसकी क्रीम निकालकर उसका सेवन करें। जिन लोगों को पाचन से जुड़ी परेशानी है, IBS है, कब्ज परेशान करता है ऐसे लोग डबल टोन के दूध का सेवन कर सकते हैं। अगर आप मिल्क प्रोडक्ट लेना चाहते हैं तो आप दूध की जगह लो फैट दही का सेवन करें। गट हेल्थ सुधार के लिए आप कोकोनट मिल्क और टोफू का भी सेवन कर सकते हैं।
अंडा भी बनता है मुश्किल
पचास फीसदी ऐसे लोग है जिन्हें अंडा डाइजेस्ट नहीं होता। अंडे में मौजूद प्रोटीन आसानी से सबको डाइजेस्ट नहीं होता इसलिए इससे परहेज करना ही बेहतर है। कुछ लोगों को अंडे में मौजूद प्रोटीन को पचाने में परेशानी होती है, जिससे पेट में भारीपन और गैस बन सकती है। अगर किसी का डाइजेस्टिव सिस्टम कमजोर है या पेट में पर्याप्त एंजाइम नहीं बनते, तो अंडा पूरी तरह नहीं पचता और आंतों में गैस का कारण बनता है।
कॉफी सबके लिए नहीं बनी
कॉफी गैस और एसिडिटी का कारण बन सकती है। कॉफी में मौजूद कैफीन और एसिडिक कंपाउंड पेट में एसिड उत्पादन को बढ़ावा देते हैं और पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं। कॉफी में मौजूद कैफीन पेट में गैस्ट्रिक एसिड के उत्पादन को बढ़ा सकता है जिससे एसिडिटी, जलन और गैस की परेशानी हो सकती है। अगर खाली पेट कॉफी पीएं तो इसमें मौजूद हाइड्रोक्लोरिक एसिड पेट में जलन और एसिड रिफ्लक्स का कारण बनता है। अगर आप कॉफी का सेवन करना चाहते हैं तो दूध की कॉफी का सेवन करें।
सिट्रस फ्रूट से करें परहेज
सिट्रस फ्रूट सभी लोगों को फायदा नहीं पहुंचाते। इन फूड्स का सेवन करने से पाचन पर असर पड़ता है। सिट्रस फलों जैसे नींबू, संतरा, मौसमी और अंगूर विटामिन सी का बेस्ट स्रोत है जिनका सेवन करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है लेकिन कुछ लोगों के लिए ये फूड ज़हर का काम करते हैं। ये फूड पेट की गैस, एसिडीटी और अपच का कारण बनते हैं। इन फूड का एसिडिक स्वभाव और हाई फाइबर कंटेंट पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है। अगर पाचन खराब रहता है तो इन फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।
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