अस्थमा एक ऐसी परेशानी है जिसके साथ रहना मुश्किल होता है। हर मौसम में अस्थमा के मरीजों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न और खांसी की शिकायत होती है। इन मरीजों को बलगम ज्यादा बनता है जिसकी वजह से वायुमार्ग में सूजन आ जाती है। अस्थमा पेशेंट को धूल-मिट्टी, धुआ, वायु प्रदूषण और तम्बाकू का धुंआ बेहद परेशान करता है।
अस्थमा के मरीजों पर मौसम का सबसे ज्यादा असर पड़ता है। सर्दी की तुलना में गर्मियों में अस्थमा के लक्षण कम गंभीर होते हैं। गर्मी में वायरल संक्रमण फैलने की संभावना कम होती है इसलिए अस्थमा के मरीजों को सर्दी की तुलना में गर्मी में कम परेशानी होती है। आप भी अस्थमा के शिकार हैं तो गर्मी में कुछ उपायों को अपनाकर इस बीमारी के लक्षणों को दूर कर सकते हैं।
डाइट का विशेष ध्यान रखें: गर्मी में अस्थमा के मरीज अपनी डाइट का ध्यान रखें। डाइट में ठंडी चीजों का सेवन करने से परहेज करें। ठंडी चीजें कफ को बढ़ा सकती हैं। अस्थमा के लक्षणों को कम करने के लिए अदरक, लहसुन और अजवाइन का सेवन करें।
पराग से बचें: गर्मियों के दौरान पराग अधिक संख्या में मौजूद होते हैं इसलिए आप अपने आस-पास के परागकणों की जांच करें और घर से बाहर निकलने से भी बचें। पोलेन, वेक्टोरियल, फंगस और डस्ट ऐलर्जी बढ़ने से अस्थमा के मरीजों में अटैक की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप घर से बाहर निकलते हैं, तो ज्यादा देर तक बाहर रहने से बचें।
मास्क पहनें: अस्थमा के मरीज गर्मी में भी ज्यादा समय बाहर रहने से परहेज करें। गर्मी में मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें। जब भी घर से बाहर निकलें तो एन95 मास्क जरूर लगाकर निकलें।
एक्सरसाइज घर में करें: गर्मी में यदि आप बाहर रहते हैं तो आपको पराग और अन्य परेशानियों का खतरा हो सकता है। गर्मी में बाहर एक्सरसाइज और शारीरिक गतिविधियां करने से खांसी या अस्थमा के अन्य लक्षण हो सकते हैं। अस्थमा के लक्षणों से बचने के लिए सुरक्षित जगह पर ही एक्सरसाइज करें।
घर की सफाई रखें: अस्थमा के मरीजों को घर में भी अपना ध्यान रखने की जरूरत है। घर में मौजूद कार्पेट और पर्दे आपकी परेशानी को बढ़ा सकते हैं। कार्पेट और पर्दों में मौजूद वायरस और फंगस, अस्थमा के लक्षणों को तेजी से बढ़ाते हैं। घर में कार्पेट और पर्दों का इस्तेमान कम करें। सफाई के दौरान आप रूम से बाहर निकल जाए बेहतर रहेगा।