जोड़ों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। बता दें कि शरीर यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है और किडनी भी इसे फिल्टर नहीं कर पाती तो यह क्रिस्टल्स के रूप में टूटकर हड्डियों के बीच इक्ट्ठा होने लगता है। इसके अलावा कमजोरी की वजह से या फिर आनुवंशिक कारणों से भी जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। बढ़ती उम्र के साथ भी जोड़ों में दर्द की समस्या सामने आती है। ऐसे में व्यक्ति का चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है।
अर्थराइटिस की बीमारी के कारण घुटनों में दर्द, सूजन, चलने-फिरने में तकलीफ, स्किन लाल हो जाना, जोड़ों में दर्द, हड्डियों का टूटना और जोड़ों में अकड़न जैसी समस्याएं हो सकती हैं। मोटापा भी इसकी एक वजह हो सकता है। बाबा रामदेव के मुताबिक योग के जरिए बॉडी में यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है। ऐसे में आप इन योगासन को अपने रुटीन में शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ और टिप्स आपके लिए मददगार हो सकते हैं।
मर्कटासन: योग गुरु स्वामी रामदेव के अनुसार अर्थराइटिस यानी गठिया के मरीजों के लिए यह आसन काफी फायदेमंद है। मर्कटासन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है, जिससे पीठ के दर्द में राहत मिलती है। इसके अलावा यह किडनी, पैन्क्रियाज और लिवर आदि को भी एक्टिव करता है।
उष्ट्रासन: बाबा रामदेव के अनुसार लोग मोटापे का शिकार हैं, इस आसन के जरिए उनका वजन भी धीरे-धीरे कम होने लगता है। हाई यूरिक एसिड से पीड़ित व्यक्तियों को उष्ट्रासन योग करने से इन समस्याओं में आराम मिल सकता है। इस योगासन से पीठ स्ट्रेच होती है।
रोजाना व्यायाम: गठिया या जोड़ों के दर्द से राहत पाने का सबसे बेहतरीन तरीका है शारीरिक रूप से सक्रिय रहना। हड्डियों और जोड़ों की मजबूती के लिए व्यायाम करना बेहद जरूरी है। इसेस ओस्टियोपोरोसिस और आर्थराइटिस जैसी बीमारियों को रोकने में मदद मिलती है।
वजन पर रखें ध्यान: बढ़ते वजन के के कारण भी जोड़ों में दर्द बढ़ जाता है। इसलिए दर्द से बचने के लिए वजन पर भी नियंत्रण रखना बेहद जरूरी है। चूंकि बढ़ा हुआ वजन जोड़ों पर जोर डालते हैं जिससे दर्द की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है।