Arthritis and Diabetes: शारीरिक असक्रियता व अनहेल्दी खानपान के कारण बढ़ती उम्र की बीमारियों से आज के युवा भी घिर रहे हैं। अर्थराइटिस भी ऐसी ही एक बीमारी है जिसमें मरीजों को जोड़ों और घुटनों में असहनीय दर्द होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर इस बीमारी का पता समय पर लग जाए तो मरीजों की स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। वहीं, लापरवाही के कारण ये आम समस्या गंभीर रूप ले सकती है, जिनका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है। एक शोध के अनुसार रुमेटॉयड अर्थराइटिस के मरीजों को डायबिटीज का खतरा अधिक होता है। आइए जानें विस्तार से –
क्या है डायबिटीज: डायबिटीज एक जीवन शैली से जुड़ा रोग है। ब्लड में खानपान या फिर स्ट्रेस के कारण जब ग्लूकोज यानी शुगर की मात्रा बढ़ जाती है तो मधुमेह बीमारी हो जाती है। ब्लड शुगर लेवल हाई होने से लोग डायबिटीज से पीड़ित हो जाते हैं। इसके कारण मरीजों का शरीर नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है। साथ ही, इससे किडनी, लिवर, दिल और आंखों पर भी असर पड़ता है।
मोटापा या जो लोग ज्यादा मीठा खाते हैं, उन्हें डायबिटीज का खतरा रहता है। अब हाल में हुए शोध से ये पता चलता है कि रुमेटॉयड अर्थराइटिस के मरीजों को भी मधुमेह की संभावना रहती है।
क्या कहता है शोध: यूनाइटेड किंगडम के यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेसस्टर में हुए एक शोध के अनुसार जो लोग रुमेटॉयड अर्थराइटिस से पीड़ित हैं, उनमें डायबिटीज टाइप 2 का जोखिम बढ़ जाता है। इन लोगों में मधुमेह का खतरा 23 प्रतिशत तक अधिक होता है। यही कारण है कि दोनों बीमारियों को जोड़कर देखा जा रहा है।
कमजोर इम्युनिटी वालों को होती है ये दोनों बीमारियां: डायबिटीज और रुमेटॉयड अर्थराइटिस ये दोनों ही बीमारियां कमजोर इम्युनिटी के लोगों को होती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार ये दोनों बीमारियां ऑटो-इम्युन और इन्फ्लामेट्री डिजीज हैं। शोधकर्ता मान रहे हैं कि आम लोगों की तुलना में गठिया के मरीजों को डायबिटीज का खतरा अधिक है।
कैसे रखें ख्याल: गठिया से पीड़ित लोगों को अपने वजन को नियंत्रित करने की जरूरत है। माना जाता है कि अधिक वजनदार लोगों के शरीर का ज्यादा बोझ घुटनों व कुल्हों पर पड़ता है। इससे परेशानियां बढ़ जाती हैं। समय पर दवा के साथ ही मरीजों के लिए एक्सरसाइज करना भी आवश्यक है।