शरीर में यूरिक एसिड का कंट्राेल में हाेना बहुत जरूरी हाेता है, इसके बढ़ने पर डायबिटीज, थायरॉइड और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हाेने लगती है। बॉडी में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है और किडनी भी इसे फिल्टर नहीं कर पाती तो यह क्रिस्टल्स के रूप में टूटकर हड्डियों के बीच इक्ट्ठा होने लगता है।यूरिक एसिड बढ़ने के कारण चलने-फिरने में तकलीफ, स्किन लाल हो जाना, जोड़ों में दर्द, घुटनों में दर्द, सूजन, हड्डियों का टूटना और जोड़ों में अकड़न जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

हाई यूरिक एसिड की समस्या को नियंत्रित करने के लिए दवाइयों के साथ-साथ खानपान और जीवन-शैली में बदलाव करना बेहद ही जरूरी है। बाबा रामदेव के मुताबिक योग के जरिए बॉडी में यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है। ऐसे में आप इन योगासन को अपने रुटीन में शामिल कर सकते हैं।

मर्कटासन: गठिया के मरीजों के लिए यह आसन काफी फायदेमंद है। यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है, जिससे पीठ के दर्द में राहत मिलती है। इसके अलावा यह किडनी, पैन्क्रियाज और लिवर आदि को भी एक्टिव करता है।

उष्ट्रासन: हाई यूरिक एसिड के कारण कमर, गर्दन, घुटने और टखने आदि में तेज दर्द होता है। ऐसे में उष्ट्रासन योग करने से आपको इन समस्याओं में आराम मिल सकता है। इस योगासन से पीठ स्ट्रेच होती है। वहीं जो लोग मोटापे का शिकार हैं, उनका वजन भी धीरे-धीरे कम होने लगता है।

पवनमुक्तासन: पवनमुक्तासन करने से शरीर में मौजूद गैस या हवा बाहर निकल जाती है। इसे शरीर से वायु पास कराने के लिए किया जाता है। इस आसन के माध्यम से शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड को भी कम करने में मदद मिलती है। साथ ही पवनमुक्तासन करने से कब्ज की समस्या ठीक होती है।

मंडूकासन: बाबा रामदेव के मुताबिक इस आसन को करते समय शरीर का आकार मेंढ़क के समान प्रतीत होता है। मंडूक का अर्थ मेंढ़क होता है इसलिए इसे अंग्रेजी में Frog Pose भी कहते हैं। बाबा रामदेव कहते हैं कि इस आसन को करने से उदर से संबंधित सभी रोग दूर होते हैं। इसके अलावा यूरिक एसिड बढ़ने पर भी आसन को नियमित रूप से करने पर यूरिक कंट्रोल में रहता है।