Fatty Liver Symptoms: लिवर शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। ये भोजन में मौजूद पोषक तत्वों को शरीर में पहुंचाता है। साथ ही खून से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। आमतौर पर लोगों को लगता है कि लिवर संबंधित बीमारियां केवल उन्हीं को हो सकती हैं जो शराब का अत्यधिक सेवन करते हैं। शराब पीना लिवर के लिए बेहद हानिकारक है, लेकिन ये जरूरी नहीं है कि अगर आप शराब नहीं पीते तो आपको लिवर से संबंधित कोई बीमारी नहीं हो सकती है। फैटी लिवर एक ऐसी ही बीमारी है। इस बीमारी को हेपेटिक स्टैटोसिस भा कहा जाता है। लिवर में जब फैट की मात्रा बढ़ जाती है तो सूजन की परेशानी होती है, जिससे लिवर डैमेज हो सकता है। गंभीर स्थिति में लिवर फेलियर भी हो सकता है –
इन लक्षणों को जान लीजिए: ज्यादातर मामलों में इस बीमारी के लक्षण नजरंदाज कर दिये जाते हैं। हालांकि, फैटी लिवर के कारण मरीजों को थकान, असुविधा और पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में दर्द होने लगता है। लोगों को वजन में गिरावट पर सावधान हो जाना चाहिए। इस बीमारी में लोगों की हथेलियां लाल हो जाती हैं और त्वचा की सतह के ठीक नीचे बढ़े हुए ब्लड वेसल्स भी नजर आने लगते हैं। इसके कारण स्किन में खुजली भी होती है।
बन सकता है खतरनाक: लिवर की इस बीमारी से जुड़े लक्षणों को देखकर डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। आज के समय में हेल्थ चेकअप या संपर्णू बॉडी चेकअप में फैटी लिवर का पता चल जाता है। वहीं, अगर इसे गंभीरता से न लिया जाए तो लिवर फाइब्रोसिस का खतरा बढ़ता है। फैटी लिवर के वैसे मरीज जो अत्यधिक शराब पीते हों, उन्हें सिरोसिस जैसी खतरनाक बीमारी का अधिक खतरा है। इस स्टेज पर पहुंचने के बाद इलाज ही एकमात्र उपाय बच जाता है। बता दें कि लिवर सिरोसिस के मरीजों की जान तक जा सकती है। साथ ही इससे कैंसर होने की आशंका भी बढ़ती है।
ऐसे करें बचाव: हाई बीपी, डायबिटीज और मोटापा से पीड़ित मरीजों को इस बीमारी से ज्यादा खतरा होता है। इससे बचाव हेतु लोगों को फिजिकल एक्टिविटीज पर भी ध्यान देना चाहिए। साथ ही खानपान में सतर्कता बरतनी चाहिए। मरीजों को अपनी डाइट में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी युक्त खाने को महत्व दें। इसके अलावा, हल्दी का सेवन भी फैटी लिवर के मरीजों के लिए प्रभावी है।