Obesity and Cancer Risk: आज की अनहेल्दी व लापरवाह जीवन शैली के कारण कई युवा मोटापे का शिकार हो रहे हैं। बढ़ते समय के साथ युवाओं में मोटापा दर भी बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार मोटापे के कारण युवाओं में कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है। जर्नल ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार 3,13,321 वयस्कों में 20,706 कैंसर के मामले ऐसे थे, जो मोटापा और वजन संबंधित परेशानियों से जूझ रहे थे। इस शोध के मुताबिक वजनदार व मोटे लोगों में कैंसर का खतरा 12 प्रतिशत तक अधिक होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि युवाओं में बढ़ते वजन और कैंसर के बीच क्या है कनेक्शन-
मोटापा इन कैंसर के खतरे को बढ़ाता है: बॉडी में एक्स्ट्रा फैट शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है और उन्हें कम करता है। इसके साथ ही, उन हार्मोन और सेल्स की कार्य क्षमता पर भी असर डालता है जिसके कारण असामान्य कोशिकाओं की संख्या बढ़ जाती है। इस ग्रोथ के कारण शरीर में ट्यूमर बनने का खतरा बढ़ जाता है। युवा व्यस्कों में मोटापा कैंसर की दर को बढ़ा रहा है, जिसमें कोलोरेक्टल कैंसर, अग्नाशय का कैंसर, कुछ हद तक गुर्दे का कैंसर, पित्ताशय की थैली का कैंसर और गर्भाशय का कैंसर शामिल हैं।
ओबिसिटी और कैंसर: वसा के कारण शरीर में सूजन बढ़ जाता है, इस कारण कैंसर पनपने का खतरा अधिक रहता है। अतिरिक्त वसा पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है। जिन लोगों में डिस्फंक्शनल फैट टिश्यूज होते हैं वो हार्मोन के स्तर को भी प्रभावित करते हैं। इस कारण ब्लड में इंसुलिन और एस्ट्रोजन की मात्रा भी अनियमित हो जाती है। ये बदलाव DNA को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कई कैंसर पैदा कर सकते हैं।
महिलाओं को ज्यादा है खतरा?: अधिक वजन वाली महिलाओं में ब्लड इंसुलिन का स्तर दूसरों की तुलना में अधिक होता है। इस कारण उनमें स्तन कैंसर सहित कुछ कैंसर से पीड़ित होने का खतरा अधिक रहता है। जिन महिलाओं में मोटापा की समस्या व्यस्क होने पर उत्पन्न हुई है, उन्हें कैंसर का खतरा बचपन से मोटापा से पीड़ित महिलाओं की तुलना में अधिक होता है। हालांकि, ये खतरा इस बात पर भी निर्भर करता है कि शरीर के किस हिस्से में फैट स्टोर हो रहा है। कमर के हिस्से में फैट जमा होने पर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, हिप्स और जांघों के हिस्से में फैट जमा होना उतना खतरनाक नहीं माना जाता।
इन बातों का रखें ख्याल: बैलेंस्ड डाइट को फॉलो करें। शारीरिक गतिविधियों को इम्पॉर्टेंस दें। वजन कम करने के उद्देश्य में किसी भी टाइम के खाने को स्किप न करें। रोजाना कम से कम 5 तरह के फल-सब्जियों का सेवन करें। अपनी डाइट में कार्ब्स, शुगर और सॉल्ट की मात्रा को कंट्रोल करें। धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें। दिन में कम से कम 2 बार आधे-आधे घंटे के लिए टहलें। ओमेगा-3 युक्त भोजन को डाइट में शामिल करें, वहीं, मीट के सेवन को कम कर दें। अदरक, लहसुन, प्याज, हल्दी, धनिया और संतरा जैसे कैंसर से लड़ने वाले खाद्य पदार्थों को ज्यादा से ज्यादा खाएं।