ओरल हेल्थ यानी मुंह की सेहत कई कारणों से बिगड़ सकती है जैसे गलत ब्रशिंग तकनीक, प्लाक का जमाव, बैक्टीरिया, जंक और मीठे खाद्य पदार्थ, तंबाकू, धूम्रपान या शरीर में पानी की कमी। इन कारणों से दांतों का एनिमल कमजोर होता है, मसूड़ों में सूजन, खून आना, बदबू, कैविटी और बार-बार होने वाले इंफेक्शन जैसी समस्याएं बढ़ती हैं। हार्मोनल बदलाव और कुछ दवाएं भी मसूड़ों पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं। डेंटिस्ट के पास बार-बार जाने से बचना चाहते हैं तो आयुर्वेदिक विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए हर्बल पत्तों से बना प्राकृतिक मंजन आपकी ओरल हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

डॉक्टर भूषण रिसर्च लेब में डॉक्टर समीर भूषण ने बताया अगर आप भी अपनी ओरल हेल्थ को दुरुस्त करना चाहते हैं, पीले दांतों को सफेद करना चाहते हैं तो आप आयुर्वेदिक हर्बल पत्तों का टूथपेस्ट बनाकर उसका इस्तेमाल करें। इन पत्तों का पेस्ट और माउथ वॉश के रूप में लेने से मुंह के छालों का इलाज होता है, मसूड़ों की सूजन और मसूड़ों से खून आने की परेशानी दूर होती है। आयुर्वेदिक हर्ब अप्पा मार्ग, जिसे चिरचिटा या लटजीरा भी कहा जाता है, आयुर्वेद में दांतों और मसूड़ों की समस्याओं को दूर करने के लिए सदियों से इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह पौधा अक्सर सड़कों या खाली स्थानों पर आसानी से मिल जाता है।

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ बताते हैं कि अप्पा मार्ग के नियमित उपयोग से गम्स ब्लीडिंग, मुंह की दुर्गंध, कैविटी, और दांतों की सेंसिटिविटी जैसे कई ओरल इश्यू में नेचुरल तरीके से सुधार होता है। इसके अलावा मुंह में बार-बार होने वाले सामान्य संक्रमणों में भी ये पौधा राहत देता है। आइए जानते हैं कि अप्पा मार्ग के पत्ते कैसे दांतों से जुड़ी परेशानियां दूर करते हैं और इसका इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है।

अप्पा मार्ग  के पत्ते कैसे ओरल हेल्थ में करते हैं सुधार

अप्पा मार्ग के पत्तों में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल और एंटीबैक्टीरियल गुण मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते हैं, जिससे कैविटी, बदबू और मसूड़ों की सूजन से नेचुरल तरीके से राहत मिलती है। इसके एंटी-इन्फ्लेमेटरी तत्व मसूड़ों की सूजन, दर्द और ब्लीडिंग गम्स को शांत करने में असरदार माने जाते हैं। नियमित रूप से इसके पत्ते चबाने से या इसका पेस्ट बनाकर लगाने से गम मजबूत होते हैं और ब्लीडिंग की समस्या से राहत मिलती है।

अप्पा मार्ग में पाए जाने वाले खनिज दांतों की जड़ों को मजबूत बनाते हैं और एनामेल को सुरक्षित रखते हैं, जिससे दांतों का हिलना या कमजोर होना कम होता है। इसके पत्तों के नेचुरल डिटॉक्सिफाइंग गुण मुंह की बदबू को दूर करते हैं और ओरल कैविटी को साफ रखने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करके मुंह की कोशिकाओं को सुरक्षित रखते हैं, जिससे माउथ कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं के जोखिम को कम करने में राहत मिलती है।

अप्पा मार्ग का उपयोग तीन तरीकों से किया जा सकता है

पत्तियां चबाकर मसूड़ों की मसाज

सुबह खाली पेट 3-4 ताजी पत्तियां धोकर चबाएं। पत्तियां चबाते समय मसूड़ों की हल्की मसाज करें और बाद में गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें। इससे गम्स की मजबूत होती हैं और ब्लीडिंग कम होती है।

नैचुरल माउथवॉश है

एक कप पानी उबालें और उसमें 4-5 पत्तियां डालकर 3-4 मिनट उबालें। पानी ठंडा होने पर इसे सुबह और शाम कुल्ले के लिए इस्तेमाल करें। यह मुंह की दुर्गंध दूर करता है और सांसों को बेहद फ्रेश बनाता है।

मंजन या पेस्ट बनाकर

सूखी पत्तियों को पीसकर पाउडर तैयार करें और इसे मंजन की तरह इस्तेमाल करें। अगर पेस्ट बनाना हो तो इस पाउडर में सरसों का तेल या शहद मिलाकर मसूड़ों पर 2-3 मिनट मसाज करें। नियमित उपयोग से ज्यादातर ओरल समस्याएं धीरे-धीरे कम होती चली जाती हैं।

सावधानियां

  • अत्यधिक संवेदनशील मसूड़ों वाले लोग शुरुआत में इसकी कम मात्रा प्रयोग करें।
  • गर्भवती महिलाओं को किसी भी जड़ी-बूटी का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए।
  • अगर मसूड़ों में तेज दर्द या सूजन बनी रहती है, तो दंत-चिकित्सक से जांच कराएं।

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