तुलसी का पौधा लगभग हर भारतीय घर में पाया जाता है। इसे केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक गुणों के कारण भी अत्यंत पवित्र माना गया है। तुलसी एक ऐसी औषधीय जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग प्राचीन काल से कई रोगों के इलाज में किया जाता रहा है। यह पौधा वातावरण को शुद्ध करने के साथ-साथ शरीर को भी रोगों से बचाने में मदद करता है। आयुर्वेद में तुलसी को विष्णु प्रिया, हरिप्रिया’ और  जीवन रक्षक जैसे नामों से सम्मानित किया गया है। माना जाता है कि यदि रोजाना तुलसी की कुछ पत्तियां चबाई जाएं तो इम्यूनिटी मजबूत होती है और बीमारियां पास तक नहीं फटकती।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के अनुसार तुलसी का पौधा न सिर्फ धार्मिक रूप से पवित्र है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद लाभकारी है। भगवान विष्णु ने तुलसी को अपनी अर्धांगिनी कहा है और इसलिए इसे देवी तुलसी भी कहा जाता है। तुलसी के पत्तों में औषधीय गुण मौजूद होते हैं।  

वर्धा आयुर्वेद एंड हर्बल मेडिसिन के संस्थापक डॉक्टर सुभाष गोयल ने बताया अगर रोज तुलसी के पानी का सेवन किया जाए तो बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। ये पानी बॉडी को डिटॉक्स करता है और लिवर की हेल्थ में सुधार करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिन की शुरुआत तुलसी पानी, त्रिफला चूर्ण, और भिगोए हुए मेथी, कलौंजी और चने से करने से शरीर ऊर्जावान और बीमारियों से महफूज रहता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि रोज तुलसी का पानी पीने से सेहत पर कैसा असर होता है।

इम्यूनिटी होती है मजबूत

तुलसी को प्राकृतिक इम्यून बूस्टर माना जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल तत्व शरीर को बैक्टीरिया, वायरस और फंगल इंफेक्शन से बचाते हैं। तुलसी के पत्तों में विटामिन C और जिंक जैसे पोषक तत्व होते हैं जो शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं। रोज़ाना तुलसी की 4-5 पत्तियां खाने या तुलसी पानी पीने से सर्दी, खांसी और मौसमी संक्रमणों से बचाव होता है। ये पत्तियां शरीर की डिफेंस सिस्टम को एक्टिव रखती है और बाहरी संक्रमणों से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है।

किडनी और लिवर होता है मजबूत

तुलसी का पानी शरीर को अंदर से डिटॉक्स करने का काम करता है। इसके नियमित सेवन से लिवर और किडनी की कार्यक्षमता बेहतर होती है। तुलसी में मौजूद डिटॉक्सिफाइंग एजेंट्स शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं, जिससे ब्लड प्यूरिफिकेशन होता है। यह लिवर की सूजन को कम करता है और किडनी स्टोन बनने से रोकता है। तुलसी का पानी दिन की शुरुआत में खाली पेट पीने से मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है और अंगों पर पड़ा दबाव कम होता है। इससे स्किन साफ और ग्लोइंग रहती है।

ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर होता है कंट्रोल

तुलसी डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए फायदेमंद मानी जाती है। तुलसी की पत्तियों में मौजूद यूजेनॉल और मिथाइल यूजेनॉल जैसे कंपाउंड ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखते हैं और इंसुलिन की कार्यक्षमता बढ़ाते हैं। यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी मदद करती है क्योंकि तुलसी रक्त वाहिनियों को रिलैक्स करती है और ब्लड फ्लो को स्मूथ बनाती है। तुलसी के अर्क का नियमित सेवन करने से हृदय रोगों का खतरा कम होता है और शरीर में एनर्जी लेवल बढ़ता है।

पाचन में होता है सुधार और पेट होता है साफ

तुलसी का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। यह गैस, कब्ज, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं में राहत देता है। तुलसी के पत्तों में मौजूद कार्मिनेटिव (Carminative) गुण पेट की सूजन कम करते हैं और भोजन को आसानी से पचाने में मदद करते हैं। तुलसी पानी शरीर से टॉक्सिन्स निकालकर आंतों को साफ रखता है। अगर रोज सुबह खाली पेट तुलसी के 4-5 पत्ते खाए जाएं या तुलसी पानी पिया जाए, तो पेट से जुड़ी दिक्कतें धीरे-धीरे खत्म हो जाती हैं और पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है।

सांस संबंधी दिक्कतों में है असरदार

तुलसी का सबसे बड़ा फायदा श्वसन तंत्र को मजबूत बनाना है। इसमें पाया जाने वाला यूजेनॉल (Eugenol) कंपाउंड गले की सूजन और जकड़न को कम करता है। तुलसी सर्दी, खांसी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं में राहत देती है। तुलसी का पानी पीने से सांस की नलियों में जमी बलगम साफ होती है और सांस लेने में आसानी होती है। इसके साथ ही यह फेफड़ों को संक्रमण से बचाती है और प्रदूषण के हानिकारक असर को भी कम करती है।

तुलसी पानी कैसे बनाएं

कांच की बोतल में 10-11 तुलसी के ताजे पत्ते डालें और उसमें पानी भर दें। इसे रातभर छोड़ दें और सुबह उसी पानी को पिएं। ऐसा पानी न सिर्फ स्वाद में ताजगी लाता है बल्कि शरीर का pH लेवल भी बैलेंस करता है।

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