यूरिक एसिड बॉडी में बनने वाले टॉक्सिन हैं जो हम सभी की बॉडी में बनते हैं। यूरिक एसिड का बनना एक नेचुरल प्रोसेस है, किडनी इन टॉक्सिन को फिल्टर करके यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर निकाल देती है। प्यूरीन से भरपूर कुछ फूड्स का सेवन करने से बॉडी में इन टॉक्सिन की मात्रा बढ़ने लगती है। लम्बे समय तक अगर डाइट पर कंट्रोल नहीं किया जाए और लाइफस्टाइल में बदलाव नहीं किया जाए तो ये टॉक्सिन बॉडी में बढ़ने लगते हैं। बॉडी में ये जॉइंट में जमा होने लगते हैं और क्रिस्टल का रूप ले लेते हैं। इन क्रिस्टल की वजह से जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है और उठना-बैठना तक दूभर हो जाता है।

यूरिक एसिड बढ़ने पर बॉडी में उसके लक्षण दिखने लगते हैं जैसे जोड़ों में दर्द या सूजन होना,जोड़ों के आस-पास की स्किन का रंग खराब होना या चमकदार होना, जोड़ों को छूने पर गर्माहट महसूस होने जैसे लक्षण दिखते हैं। यूरिक एसिड बढ़ने पर सबसे ज्यादा परेशानी घुटनों,पैरों के जोड़ों, उंगलियों, हाथ-पैरों के जोड़ों और पैरों के पंजों में सबसे ज्यादा होती है।

यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां बेहद असरदार साबित होती हैं। आयुर्वेदिक दवाओं के एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक पत्थरचट्टा एक ऐसी जड़ी बूटी है जो औषधीय गुणों से भरपूर है। इस औषधि का उपयोग यूरिन से जुड़ी परेशानियों का उपचार करने में बेहद असरदार साबित होता है। पत्थरचट्टा का पौधा कई बीमारियों का उपचार करता है। इसका सेवन किडनी और मूत्र से जुड़ी परेशानियों का उपचार करता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि पत्थरचट्टा कैसे यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है और इसका सेवन कैसे करें।

पत्थरचट्टा कैसे यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है?

पत्थरचट्टा जिसे मैजिक लीफ के नाम से भी जाना जाता है ये बॉडी को हेल्दी रखने में कई तरह से मददगार है। पत्थरचट्टा का सेवन किडनी को हेल्दी रखता है। किडनी अगर ठीक से काम करती है तो वो आसानी से टॉक्सिन को बॉडी से बाहर निकालती है।

जिन लोगों का यूरिक एसिड हाई रहता है अगर वो रोजाना पत्थरचट्टा के अर्क का सेवन करें तो आसानी से जोड़ों के दर्द और सूजन से छुटकारा पाया जा सकता है। जिन लोगों का यूरिक एसिड हाई रहता है वो पत्थरचट्टा को पानी में उबालकर इसका सेवन करें। यूरिक एसिड के मरीज पत्थरचट्टा का सेवन उसकी चटनी बनाकर भी कर सकते हैं। इस औषधि का सेवन करने से जोड़ों के दर्द का उपचार होगा और बॉडी भी हेल्दी रहेगी।

पत्थरचट्टा के फायदे

  • आयुर्वेद के मुताबिक इस औषधि का सेवन करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है। बीपी कंट्रोल करने के लिए दिन में दो बार पत्थरचट्टा के रस का सेवन करें।
  • आयुर्वेद के मुताबिक पत्थरचट्टा का उपयोग घाव को भरने में बेहद असरदार साबित होता है। पत्थरचट्टा के पत्तों को गर्म करके उसका लेप बनाकर लगाने से घाव जल्दी भरते हैं और इंफेक्शन का भी खतरा नहीं होता।
  • वजाइनल इंफेक्शन से बचाव करते हैं ये पत्ते। पत्थरचट्टा के पत्तों से बना काढ़ा वजाइनल इंफेक्शन से बचाव करता है। पानी के साथ इन पत्तों को उबालें और उसमें शहद मिलाकर इसका सेवन करें।
  • सिर दर्द से परेशान लोग पत्थरचट्टा के पत्तों को पीसकर उसका लेप बनाएं और सिर पर लगाएं तो सिर दर्द और माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • किडनी स्टोन का रामबाण इलाज है पत्थरचट्टा। इसका सेवन काढ़ा बनाकर करें आपको फायदा होगा।
  • एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों से भरपूर पत्थरचट्टा का सेवन दांतों के दर्द से निजात दिलाता है।