कब्ज बहुत बड़ी परेशानी है जो किसी को भी किसी भी उम्र में परेशान कर देती है। यह न सिर्फ पाचन तंत्र को प्रभावित करती है बल्कि ओवर ऑल हेल्थ और एनर्जी के स्तर पर भी असर डालती है। कब्ज की बीमारी के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे डाइट में फाइबर से भरपूर फल, सब्ज़ियों और अनाज की कमी होना, कम पानी पीना, ज्यादा समय तक बैठे रहना,बॉडी एक्टिविटी में कमी होना, तनाव, ज्यादा तला-भुना प्रोसेस्ड फूड का सेवन करना, कुछ दवाइयों का सेवन करने से कब्ज की समस्या हो सकती है।
कब्ज से परेशान लोग बॉडी को एक्टिव रखें और कब्ज का इलाज करने के लिए गर्मी के खास फल पपीते का सेवन करें। पपीता में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह का फाइबर होता हैं जो स्टूल को सॉफ्ट और भारी बनाता है जिससे मल डिस्चार्ज तेजी से होता है।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण ने बताया अगर अगर रोजाना 100 ग्राम पपीता खाली पेट खाया जाए तो पेट से लेकर आंतों तक में जमा गंदा मल आसानी से बाहर निकल जाता है। ये फल आंतों की सफाई करता है और आंतों की सूजन भी दूर करता है। जिन लोगों को गैस की शिकायत है और खाना जल्दी नहीं पचता ऐसे लोग रोज खाने के बाद पपीता खाएं तो उनका पाचन दुरुस्त रहेगा। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि पपीता कैसे कब्ज का इलाज करता है और इसका सेवन करने से सेहत को कौन-कौन से फायदे होते हैं।
पपीता कैसे कब्ज को दूर करता है और बाउल मूवमेंट करता है दुरुस्त
पपीता पानी और फाइबर से भरपूर होता है जो कोलन को साफ करता है। इसका सेवन करने से ब्लॉटिंग कंट्रोल रहती है। पपीते में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं जो एक साथ काम करते हैं। घुलनशील फाइबर आंत में गुड बैक्टीरिया को पोषण देता है, जबकि अघुलनशील फाइबर पुराने अपशिष्ट को धीरे-धीरे बाहर निकालता है। अगर खाने से पहले इसे खाया जाए तो पपीता कोलन के लिए एक सौम्य स्वीप की तरह काम करता है। इसका सेवन खाली पेट करने से नाश्ते के बाद होने वाली ब्लोटिंग और सुस्ती दूर होती है। आचार्य बालकृष्ण ने बताया अगर आप रोज खाली पेट एक बाउल पपीता भर के खा लें तो आपकी पुरानी से पुरानी कब्ज दूर हो जाएगी।
पपीता के फायदे
पपीते में पपेन नामक एंजाइम मौजूद होता है जो लिवर को डिटॉक्स करता है और लिवर की हेल्थ को दुरुस्त करता है। शरीर की डिटॉक्स प्रक्रिया सुबह के समय सबसे अधिक सक्रिय होती है अगर सुबह इसे खाया जाए तो बॉडी की अच्छे से सफाई होती है। पपीते का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लगभग 60 होता है, जिसका मतलब है कि यह धीरे-धीरे शुगर रिलीज करता है। यह ऊर्जा को स्थिर रखता है और पूरे दिन बॉडी को एनर्जेटिक रखता है। पपीता पचने के बाद क्षारीय हो जाता है। यह पेट में अतिरिक्त एसिड को बेअसर करता है। खाली पेट पपीता खाने से गैस्ट्रिक परेशानियों का इलाज होता है। ये आंत की परत में होने वाली सूजन को कम करने में मदद करता है।
ये बॉडी में नेचुरल तरीके से कोलेजन का उत्पादन करता है। पपीता विटामिन सी और लाइकोपीन से भरपूर होता है जो बॉडी में नेचुरल तरीके से कोलेजन को बढ़ाने में मदद करता है। इसका सेवन करने से स्किन की कोशिकाओं की मरम्मत होती है जिससे स्किन हेल्दी,लचीली और खूबसूरत बनती है।
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