सुबह का नाश्ता दिन का सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण भोजन होता है। यह न सिर्फ आपकी भूख शांत करता है, बल्कि शरीर को पूरे दिन की शुरुआत के लिए ज़रूरी एनर्जी देता है। सही नाश्ता करने से ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है, अचानक भूख या सुस्ती नहीं आती और दिमाग की कार्यक्षमता भी बेहतर होती है। इसके साथ ही सुबह का पौष्टिक नाश्ता पाचन तंत्र को सक्रिय करता है, मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और दिनभर ओवरईटिंग से भी बचाता है। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि नियमित रूप से हेल्दी नाश्ता करने से हार्ट हेल्थ दुरुस्त रहती है और वजन भी कंट्रोल रहता है। सुबह का नाश्ता आपके मूड पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।
सुबह का नाश्ता सेहत के लिए उपयोगी है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप फास्ट फूड या शुगर से भरा नाश्ता कर लें। दिन की शुरुआत पौष्टिक, प्राकृतिक और भरपेट खाने से होनी चाहिए। ओट्स, स्मूदी या योगर्ट तो आप लोग अपनी डाइट में खाते ही होंगे, इस बार नाश्ते में मूसली (Muesli) ट्राई करें। सुबह के नाश्ते में बॉडी के लिए जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर मूसली का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। आइए जानते हैं कि मूसली का सेवन सुबह के नाश्ते में करने से बॉडी को कौन-कौन से फायदे होते हैं।
मूसली कैसा फूड है?
मूसली एक फाइबर और प्रोटीन से भरपूर हेल्दी ब्रेकफास्ट फूड है, जिसे आमतौर पर रॉ रोल्ड ओट्स, नट्स, सीड्स और ड्राई या फ्रेश फ्रूट्स मिलाकर तैयार किया जाता है। इसे दूध, बादाम दूध, सोया दूध, गाय के दूध या दही के साथ खाया जा सकता है। मूसली दिखने में ग्रेनोला जैसा लगती है, लेकिन इसमें शुगर काफी कम होती है और यह अधिक नेचुरल व पौष्टिक मानी जाती है। इसकी हाई फाइबर मात्रा पाचन, वजन कंट्रोल और दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है।
कम शुगर, कम कैलोरी ये फूड है बेहतरीन नाश्ता
हेल्थलाइन के मुताबिक बाजार में बहुत से सीरियल्स और डोनट्स मिलते हैं जिसे अक्सर लोग नाश्ते में खाते हैं, इन फूड्स में शुगर बहुत ज्यादा होती है। जबकि मूसली में प्रिज़र्वेटिव या रिफाइंड शुगर कम होती है, इसलिए ये सुबह के नाश्ते के लिए हेल्दी ऑप्शन है।
पाचन के लिए बेहतरीन है ये फूड
फाइबर और होल ग्रेन्स से भरपूर मूसली का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में बेहद प्रभावी माना जाता है। इसमें मौजूद घुलनशील और अघुलनशील फाइबर आंतों की मूवमेंट को बेहतर करते हैं, कब्ज की समस्या कम करते हैं और गट हेल्थ को सपोर्ट करते हैं। मूसली में मौजूद ओट्स का बीटा-ग्लूकॉन पाचन को धीमा और संतुलित रखता है, जिससे ब्लड शुगर भी स्थिर रहता है। नियमित सेवन से आंतों की लाइनिंग मजबूत होती है और डाइजेशन बेहतर होता है।
वेट कंट्रोल में करती है मूसली
मूसली में मौजूद फाइबर, होल ग्रेन्स और रेसिस्टेंट स्टार्च पेट लंबे समय तक भरा रखने में मदद करता है। इससे बार-बार भूख नहीं लगती और अनहेल्दी स्नैकिंग कम होती है। ओट्स का बीटा-ग्लूकान पाचन को धीमा करता है, जिससे कैलोरी बर्निंग प्रक्रिया बेहतर होती है और वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है। मूसली में नट्स, सीड्स और फल होने से यह न्यूट्रिशन से भरपूर और लो-कैलोरी विकल्प बन जाती है। इससे मेटाबॉलिज़्म तेज होता है, कैलोरी ज्यादा बर्न होती हैं और वजन कंट्रोल में मदद मिलती है।
दिल के लिए है फायदेमंद
मूसली में मौजूद बीटा-ग्लूकॉन (Beta-glucan) कोलेस्ट्रॉल को 10% तक कम कर सकता है। इसका सेवन करने से दिल के रोगों का खतरा कम होता है। अगर इसमें नींबू का रस मिलाएं, तो विटामिन C कोलेस्ट्रॉल को और कम करने में मदद करता है। अगर इसका सेवन रात भर दूध में भिगोकर किया जाए तो पोषक तत्व बेहतर अवशोषित होते हैं।
प्रोटीन का पावर हाउस है मूसली
प्रोटीन डाइट का सेवन वजन घटाने में बेहद असरदार साबित होती है। आप रोज मूसली का सेवन करें बॉडी को पर्याप्त प्रोटीन मिलेगा। आप मूसली में अपनी पसंद के नट्स,फल,दही, दूध मिक्स करके खा सकते हैं। यह पूरी तरह बेहतरीन ब्रेकफास्ट है।
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