Air Pollution: हर साल की तरह इस साल भी दिल्ली और एनसीआर धुंध में डूब गया है। नई दिल्ली में हवा की गुणवत्ता इस सीजन में पहली बार गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। इस प्रदूषण के लिए गाड़ियों से निकलने वाला धुआं और पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण जिम्मेदार है। बढ़ते प्रदूषण के कारण इस सीजन में पहली बार  AQI 429 तक पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार दिल्ली के 36 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 30 स्टेशनों में एयर क्वालिटी ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई है।

बदलते मौसम में हवा की खराब गुणवत्ता में सांस लेने से दम घुट रहा है। खासकर अस्थमा और सांस से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोगों की सांसें धीमी पढ़ रही हैं। इस हवा में सांस लेने से सांस लेने में कठिनाई, सीने में जकड़न, खांसी, और सांस की गति धीमी पड़ने लगी हैं। ये दूषित हवा बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों के लिए घातक साबित हो रही है।

इस हवा में सांस लेने से गले में खराश,आंखों में जलन, सिर दर्द जैसी परेशानियां बढ़ा रही हैं। सर्द मौसम और बढ़ता प्रदूषण गले को जकड़ रहा है। हर वक्त गला और छाती बलगम से भरी रहती है। ऐसे में गले को साफ करने और छाती से बलगम को निकालने के लिए कुछ हर्ब का सेवन बेहद असरदार साबित होगा। कुछ हर्ब ऐसे हैं जो प्रदूषण के असर को लंग्स से बेअसर करते हैं।

स्वामी ध्यान नीरव जी ने बताया अगर आप भी बदलते मौसम में प्रदूषण से परेशान हैं और गले और छाती में बलगम भर गया है तो आप कुछ देसी नुस्खों को अपनाएं। ये नुस्खे सर्दी-जुकाम से बचाव करते हैं और गले की खराश को दूर करते हैं और बलगम को कम करते हैं। आइए जानते हैं कि बढ़ते पॉल्यूशन के बीच म्यूकस को कंट्रोल करने के लिए कौन-कौन से नुस्खों को अपनाएं।

दूध के साथ अदरक का करें सेवन

अगर आपको रोजाना घर से बाहर निकलना है तो आप चेहरे पर मास्क लगाएं और कुछ देसी नुस्खों को भी अपनाएं। अदरक एक ऐसा देसी उपचार है जिसका सेवन करने से गले के बलगम से निजात मिलती है। औषधीय गुणों से भरपूर अदरक का सेवन गले की सूजन और कफ को कंट्रोल करता है। सूजन रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर अदरक का सेवन करने से फेफड़ों में जमा कफ और गंदगी साफ हो जाती है। आप एक टुकड़ा अदरक का लीजिए और उसे एक गिलास दूध में मिलाकर कुछ देर तक उबालें और इस दूध का सेवन हफ्ते में तीन से चार बार करें आपके चेस्ट से सारा बलगम निकल जाएगा और गले को आराम मिलेगा।

दूध के साथ हल्दी का करें सेवन

हल्दी में कुरकुमिन मौजूद होता है जो सूजन को कंट्रोल करता है। इसका सेवन करने से श्वसन तंत्र में होने वाली सूजन कंट्रोल रहती है जिससे बलगम नहीं बनता। हल्दी का सेवन अगर दूध के साथ किया जाए तो आसानी से बलगम को कंट्रोल किया जा सकता है। हल्दी में एंटी बैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी कैंसर गुण मौजूद होते हैं जो लंग्स को प्रदूषण से बचाते हैं। हल्दी के दूध का सेवन करने से बलगम कंट्रोल रहता है।  

नमक के पानी से करें गरारा

अगर आप चाहते हैं कि आपके गले में चिपका हुआ कफ निकल जाए तो आप नमक के पानी से गरारा करें। रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन की वजह से गले में दर्द हो जाता है जिससे फ्लू, जुकाम और खांसी हो जाती है। ऐसे में आप नमक के पानी से गरारा करेंगे तो आपका गला ठीक रहेगा और संक्रमण से बचाव होगा। नमक के पानी से गरारे करने से  गला  साफ होता है और सूजन कंट्रोल रहती है।

सौंफ और मिश्री खाएं

अगर आप गले के बलगम से परेशान हैं तो आप एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर सौंफ और मिश्री का सेवन करें। सौंफ और मिश्री खाने में टेस्टी लगती है और साथ ही गले को शांत करती है और खांसी को कम करती है।