अक्सर मिसकैरेज की वजह को महिलाओं की सेहत से ही जोड़कर देखा जाता है। हालांकि, आपको बता दें कि गर्भपात के पीछे हर बार महिलाओं की सेहत ही जिम्मेदार नहीं होती है बल्कि इसके पीछे पुरुष कारक जिम्मेदार हो सकता है। दरअसल, साइंस डेली में प्रकाशित साल 2006 की एक रिपोर्ट बताती है कि पुरुषों की उम्र भी गर्भपात का कारण हो सकती है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से, साथ ही जानेंगे पुरुषों के लिए क्या है प्रेग्नेंसी के लिए सही उम्र-
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
मामले को लेकर इंडियन एक्सप्रेस संग हुई एक खास बातचीत के दौरान केयर हॉस्पिटल, बंजारा हिल्स हैदराबाद में कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट डॉ क्रांति शिल्पा ने बताया, पुरुषों में उम्र बढ़ने से जुड़े कई कारक मिसकैरेज के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। जैसे-
जेनेटिक म्यूटेशन
डॉ शिल्पा के मुताबिक, जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, उनके स्पर्म में जेनेटिक म्यूटेशन की संभावना बढ़ जाती है। ये म्यूटेशन भ्रूण (Embryo) में क्रोमोसोमल असामान्यताएं पैदा कर सकते हैं, जिससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।
DNA फ्रेगमेंटेशन
उम्र बढ़ने से स्पर्म में DNA फ्रेगमेंटेशन बढ़ सकता है, जिससे भी गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है।
फिर क्या है सही उम्र?
इस सवाल का जवाब देते हुए आराध्या न्यूरो एंड गायनी क्लिनिक की वरिष्ठ सलाहकार और लेप्रोस्कोपिक सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. स्वाति राय ने बताया, ‘एक अध्ययन की रिपोर्ट बताती है कि 40-44 वर्ष की आयु के पुरुषों में गर्भपात का जोखिम 23 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। वहीं, 45 वर्ष से अधिक उम्र में, ये जोखिम 43 प्रतिशत बढ़ जाता है। ऐसे में पुरुषों में प्रेग्नेंसी के लिए सही उम्र 30 से 35 के बीच होती है।’
उम्र बढ़ने पर क्या है समाधान?
इसे लेकर डॉ क्रांति शिल्पा बताती हैं, ‘डाइट और लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव कर पुरुष उम्र के साथ मिसकैरेज के खतरे को कम कर सकते हैं। हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट से स्पर्म की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इससे अलग आपका वजन भी संतुलित रहना बेहद जरूरी है। कई रिसर्च की रिपोर्ट्स में ये भी सामने आया है कि मोटापा शुक्राणु यानी स्पर्म की गुणवत्ता में कमी और स्पर्म में डीएनए डैमेज के खतरे को बढ़ा सकता है।’
ऐसे में डॉ शिल्पा डाइट में ताजे फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट से भरपूर पौष्टिक चीजों को शामिल करने की सलाह देती हैं। इससे आपको जरूरी पोषक तत्व अच्छी मात्रा में मिलते हैं, जो स्पर्म हेल्थ को बढ़ावा देते हैं। इससे अलग विटामिन सी, विटामिन ई और सेलेनियम जैसे एंटीऑक्सिडेंट, स्पर्म में डीएनए डैमेज को कम करने में मदद कर सकते हैं।’
इन चीजों से बनाएं दूरी
- डॉ. शिल्पा अत्यधिक शराब और कैफीन के सेवन को सीमित करने की सलाह देती हैं। शराब और कैफीन को स्पर्म की गुणवत्ता में कमी और प्रजनन संबंधी समस्याओं से जोड़ा गया है।
- स्मोकिंग भी स्पर्म की गुणवत्ता पर हानिकारक प्रभाव डालती है, जिससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।
- इन सब से अलग डॉ. शिल्पा बताती हैं कि क्रोनिक स्ट्रेस भी प्रजनन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
ऐसे में इन बातों को ध्यान में रखने और सही लाइफस्टाइल, हेल्दी खानपान अपनाकर आप मिसकैरेज के खतरे को कम कर सकते हैं।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।