आजकल की भागदौड़ भरी लाइफ और खानपान में बदलाव के चलते कम उम्र में ही कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगी हैं। सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, समय के साथ मांसपेशियों की ताकत, लचीलापन और सहनशक्ति कम होना आम बात है, लेकिन कम उम्र में ही मांसपेशियां कमजोर हो रही हैं तो ये चिंता की बात है। दरअसल, 30 साल के बाद हर दस साल में शरीर की मसल्स तीन से पांच प्रतिशत कम हो जाती है। ऐसे ही 60 साल के बाद ये दर बढ़ जाती है। ऐसे में मसल्स की रिकवरी के लिए हाई प्रोटीन डाइट के अलावा कुछ प्रकार के फल भी हैं, जो शरीर को एंटीऑक्सीडेंट्स के अलावा जरूरी मिनरल और विटामिन की पूर्ति करने में मददगार होते हैं, इससे शरीर में एनर्जी का लेवल बढ़ने लगता है और स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।

डायटीशियन मनीषा गोयल ने बताया कि कुछ फलों का सेवन करने से मसल्स को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है। इनसे शरीर को  एंटीऑक्सीडेंट्स के अलावा जरूरी मिनरल और विटामिन भी मिलते हैं। फलों के सेवन शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन मेंटेन रहता है। इसके साथ ही इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

ब्लूबेरी

कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के मुताबिक, जब हम एक्सरसाइज करते हैं तो सेल्स और टिशूज डैमेज होते हैं। ब्लूबेरी मसल्स डैमेज को रोकने में असरदार होती है। इसके साथ ही एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर ब्लूबेरी से ऑक्सीडेटिव तनाव कम होता है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। ब्लूबेरी में भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है, जो मसल्स की फंक्शनिंग को बेहतर बनाने का काम करता है।

केले

केले को मसल्स को बनाने में मदद करता है, लेकिन यह अकेला नहीं है। केले में मौजूद पोषक तत्व जैसे पोटैशियम, मैग्नीशियम और कार्बोहाइड्रेट मांसपेशियों की सेहत के लिए महत्वपूर्ण हैं। केला शरीर को एनर्जी प्रदान करता है, जिससे थकी हुई मांसपेशियां आराम कर सकती हैं। इससे शरीर में बढ़ने वाली इंफ्लामेशन और ऑक्सरडेटिव क्षति को कम किया जा सकता है।

सेब

सेब में फाइबर, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो मांसपेशियों को ताकत देने और स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा सेब के छिलके में उर्सोलिक एसिड होता है, जो मसल्स को ब्रेकडाउन होने से रोकता है और प्रोटीन सिंथेसिस में मदद करता है। इसके अलावा गर्मियों के मौसम में सेब के सेवन से शरीर में डिहाइड्रेशन के खतरे से भी बचा जा सकता है।

अनार

अनार का सेवन सिर्फ मांसपेशियों के लिए ही नहीं, बल्कि ये स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है। अनार में एंटीऑक्सीडेंट और पॉलीफेनॉल की हाई मात्रा होते हैं। जिससे मसल्स की क्षति के कारण बढ़ने वाली सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम किया जा सकता है। इससे मांसपेशियों की रिकवरी में मदद मिलती है और शरीर को एनर्जी मिलती है।

अंगूर

वेस्टर्न न्यू इंग्लैंड यूनिवर्सिटी के अनुसार, मसल्स की रिकवरी और मजबूती के लिए अंगूर बहुत ही फायदेमंद होता है। अंगूर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी गुण मांसपेशियों की रिकवरी और विकास में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा अंगूर के सेवन से ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार होता है।

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