दिवाली का त्योहार है तो मीठा तो बनता ही है। बाजार में दुकानें तरह-तरह की मिठाइयों से पटी पड़ी है। दिवाली के मौके पर एक-दूसरे को बधाई देने और मिठाई खिलाने का चलन पुराना है। लेकिन आप जानते हैं कि कई बार रिश्तों में मिठास घोलने वाली मिठाई सेहत के लिए ज़हर भी साबित हो सकती है। बाजार में दुकानदार मुनाफा कमाने के लिए मिलावटी मावा का इस्तेमाल करके मिठाईयां बना रहे हैं जो सेहत पर कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती हैं।

मिठाई बनाने के लिए खोया, घी, तेल, दूध, आर्टिफिशियल फ्लेवर और कलर का इस्तेमाल किया जाता है। मिठाई में इन सभी चीजों की क्वांटिटी बढ़ाने के लिए इनमें आर्टिफिशियल चीजें जैसे चॉक, यूरिया, साबुन और व्हाइटनर को मिलाया जाता है जो सेहत को कई तरह के नुकसान पहुंचाते हैं।

मिठाई को सजाने तक में वर्क की जगह एल्युमिनियम का इस्तेमाल किया जा रहा है जो सेहत के लिए घातक है। दूषित मावा या अन्य सामग्री से बनी मिठाईयों का सेवन करने से ब्रेन कैंसर, माउथ कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, ल्यूकेमिया, श्वास संबंधी बीमारियों और किडनी के रोगों का खतरा अधिक रहता है।

मिलावटी मिठाई से सेहत को हो सकते हैं नुकसान:

अजमेर के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर लोकेश कुमार मीणा के मुताबिक मिलावटी मिठाई में स्टार्च, अनसैचुरेटेड फैट और कुछ खतरनाक चीजें मिलाई जाती हैं जिससे कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है। इस मिठाई से दिल के रोगों और स्ट्रॉक का खतरा अधिक रहता है। मिठाई के उपर अल्युमिनियम का वर्क ब्रेन और बोन की समस्या पैदा कर सकता है। ऐसी मिठाई बच्चों में किडनी की परेशानी कर सकती है।

असली मिठाई को इस तरह करें चेक:

दूध मिलावटी है या नहीं इसकी जांच के लिए एक चिकनी तिरछी सतह पर कुछ बूंदें डालें, अगर यह सफेद निशान छोड़ता है तो इसमें मिलावट नहीं है लेकिन दूध अगर तुरंत नीचे गिर जाता है तो इसका मतलब है कि इसमें पानी है। किसी बोतल में दूध डालिये, ढक्कन लगाइये, हिलाइये, अगर झाग उठता है तो उसमें साबुन है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसआई) के मुताबिक जब मानक से अधिक केमिकल का इस्तेमाल मिठाईयों में किया जाता है तो वो सेहत के लिए घातक होता है।

घर में मिठाई बना रही हैं तो नकली मावा की पहचान करें:

  • घर में मिठाई बना रही हैं तो नकली मावा लेने से बचें। नकली मावा चिपचिपा और स्वाद में कसैला होता है।
  • मावा को चेक करने के लिए उसे हथेली पर लें और उसे रगड़ें। अगर मावा फटने लगे तो समझ जाएं कि ये नकली है।
  • दो ग्राम मावा को थोड़े से गर्म पानी में डालकर ठंडा करें। इसमें थोड़ा सा आयोडीन घोल डालें और मावा का रंग नीला पड़ जाए तो मावा नकली है।