हार्ट फेल्योर (Heart Failure) एक ऐसी स्थिति है जब दिल की मांसपेशी शरीर की ज़रूरत के मुताबिक पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पंप कर पाती। इसका मतलब यह नहीं कि दिल काम करना बंद कर देता है, बल्कि दिल की खून को पंप करने की क्षमता कमज़ोर हो जाती है। हार्ट एक पम्प की तरह है जो बॉडी के हर हिस्से में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों से भरपूर खून पहुंचाता है। लेकिन जब ये पंप कमज़ोर या सुस्त हो जाता है, तो शरीर के अंगों को ज़रूरत के मुताबिक खून नहीं मिल पाता जिससे बॉडी में कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। हार्ट फेल्योर तीन तरह का होता है जैसे
- उल्टी तरफ से हार्ट फेल्योर (Left-Sided Heart Failure) सबसे आम प्रकार है जिससे फेफड़ों में तरल भर जाता है जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है।
- दूसरा राइट साइड हार्ट फेल्योर (Right-Sided Heart Failure) होता है जिसमें शरीर के निचले हिस्सों जैसे पैरों, टखनों, पेट में सूजन हो सकती है। लीवर और पेट में भी तरल जमा हो सकता है।
- कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर (Congestive Heart Failure) एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों में लिक्विड जमा होने लगता है। यह आमतौर पर बाएं और दाएं दोनों ओर की फेल्योर से जुड़ा होता है।
हार्ट फेल्योर के सामान्य लक्षण (Symptoms of Heart Failure):
- इस हार्ट फेल्योर के लक्षण कई बार नॉर्मल लगते हैं लेकिन समय रहते अगर पहचान नहीं की जाए तो यह “साइलेंट किलर” साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कि हार्ट फेल्योर होने पर बॉडी में कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं।
- सांस फूलना हार्ट फेल्योर का एक बेहद सामान्य लक्षण है। इस स्थिति में चलने-फिरने या लेटने पर सांस फूलती है। कई बार नींद के दौरान भी सांस फूल सकती है।
- थकान और कमजोरी होना भी हार्ट फेल्योर के लक्षण हो सकते हैं। इस स्थिति में इंसान हल्की गतिविधि पर भी बहुत थक जाना या शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होती है।
- पैर, टखनों और पेट में सूजन होना हार्ट फेल्योर के लक्षण हो सकते हैं। यह सूजन शरीर में तरल जमा होने के कारण होती है।
- लगातार खांसी या बलगम होना हार्ट फेल्योर के लक्षण हो सकते हैं। खांसी में सफेद या गुलाबी बलगम निकल सकता है, ये सब स्थिति फेफड़ों में तरल जमा होने का संकेत हो सकता है।
- दिल की धड़कन तेज या अनियमित होना भी हार्ट फेल्योर का लक्षण हो सकता है।
- एक्सरसाइज या मेहनत करने की ताकत कम होना।
- फेफड़ों में पानी भरने के कारण सांस लेने में घरघराहट महसूस होना भी हार्ट फेल्योर के लक्षण हो सकते हैं।
- भूख न लगना या मतली होना, अचानक वजन बढ़ना खासतौर पर सूजन के साथ हो, तो यह तरल जमा होने का संकेत है।
- रात में बार-बार पेशाब आना, सीने में दर्द होना हार्ट फेल्योर का लक्षण हैं।
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई या भ्रम की स्थिति होना
हार्ट फेल्योर के जोखिम बढ़ाने वाले कारण (Risk Factors)
- जिन लोगों की उम्र 65 साल से ज्यादा है उन लोगों को हार्ट फेल्योर का खतरा ज्यादा होता है।
- हाई ब्लड प्रेशर हार्ट फेल्योर की बड़ी वजह बन सकता है।
- डायबिटीज़ से दिल की मांसपेशियों पर असर पड़ता है।
- धूम्रपान और तंबाकू सेवन दिल को नुकसान पहुंचा सकता हैं।
- अधिक मोटापा दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
- परिवार में हार्ट फेल्योर का इतिहास भी इस बीमारी का खतरा बढ़ा सकता है।
हार्ट फेल्योर से कैसे बचाव करें
- लाइफस्टाइल और खान-पान में बदलाव करें।
- नियमित एक्सरसाइज करें।
- नमक का सेवन कम करें।
- तनाव को मैनेज करें
- समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराएं
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