बार-बार भूलने की आदत यानी कि शॉर्ट टाइम मेमोरी लॉस की समस्या किसी को किसी भी उम्र में हो सकती है। इसके अनेक कारण हो सकते हैं। बुजुर्गों में डिमेंशिया और अल्जाइमर की वजह से यह समस्या होती है जबकि अन्य उम्र-वर्ग के लोगों में चिंता और अवसाद की वजह से यह बीमारी होती है। शरीर में ब्लड ग्लूकोज के स्तर का कम होना भी इसका कारण हो सकता है। ऐसे में एक हेल्दी डाइट या फिर आपकी कुछ छोटी-मोटी कोशिशें आपको इस समस्या से पूर्णतः निजात दिला सकती हैं। आज हम आपको ऐसे ही 6 नुस्खों के बारे में बताने वाले हैं।
पर्याप्त नींद जरूरी – अच्छी याद्दाश्त के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद बहुत जरूरी है। सोते समय ही हमारी ज्यादातर याद्दाश्त लंबे समय तक सुरक्षित रखे जाने की प्रक्रिया में होती है। ऐसे में टीनएज के लोगों को कम से कम 8-10 घंटे की नींद लेनी चाहिए और वयस्कों को कम से कम 7-9 घंटे जरूर सोना चाहिए। बुजुर्गों में सात से साढ़े सात घंटे की नींद बेहद जरूरी होती है।
व्यायाम- शारीरिक सक्रियता हमारे शरीर में रक्त प्रवाह को दुरुस्त रखता है। दिमाग में रक्त संचार बढ़ने से पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। ऐसे में याद्दाश्त तेज होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय नहीं हैं तो ऐसे में आप दिनभर में 10-20 मिनट का समय निकालकर कार्डियो या फिर स्क्वीज एक्सरसाइज कर सकते हैं। टहलना भी याद्दाश्त बढ़ाने के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
हेल्दी खाना खाएं – हेल्दी भोजन दिमाग को स्वास्थ्य प्रदान करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अपनी रोजाना की डाइट में फल, सब्जियां और ज्यादा से ज्यादा साबुत अनाज शामिल करें। बहुत ज्यादा एल्कोहल का सेवन न करें। यह मेमोरी लॉस के साथ-साथ कंफ्यूजन पैदा करने का भी काम करता है।
मानसिक तौर पर रहें सक्रिय – शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जिस तरह शारीरिक सक्रियता जरूरी है, उसी तरह से मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी दिमागी तौर पर एक्टिव रहना बहुत जरूरी है। क्रॉसवर्ड्स, पुज्जल, प्ले ब्रिज या फिर सुडोकू जैसे खेल इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा खाली समय में किसी म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट को बजाना सीख सकते हैं।
ध्यान करें – तमाम शोध इस बात को साबित कर चुके हैं कि ध्यान यानी कि मेडिटेशन चिंता, तनाव और नींद न आने की बीमारी का सबसे प्रभावी इलाज है। इससे आपकी एकाग्रता बढ़ती है। इससे याद्दाश्त भी तेज होती है और बार-बार भूलने की समस्या से भी निजात मिलती है।
पिस्ता खाएं – शरीर में थायमीन की कमी से भी मेमोरी लॉस की समस्या सामने आती है। थायमीन की कमी को पूरा करने के लिए पिस्ता का सेवन एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आधा कप पिस्ता शरीर में 0.54 मिग्रा थायमीन की आपूर्ति करता है।

