फैटी लिवर आजकल तेजी से बढ़ती हुई समस्या है,जो बॉडी पर साइलेंट किलर की तरह असर  करती है । इस बीमारी के लक्षण धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाते है। इस स्थिति में लिवर की कोशिकाओं में 5% से ज्यादा फैट जमा हो जाता है। शुरुआती स्टेज पर यह सामान्य लगता है, लेकिन लंबे समय तक इलाज नहीं होने पर ये नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) और आगे चलकर नॉन-एल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH), फाइब्रोसिस या सिरोसिस में बदल सकता है। यह लिवर कैंसर तक का कारण बन सकता है।

फैटी लिवर के मुख्य कारणों में जंक फूड, मीठे पेय, ज़्यादा चीनी, रिफाइंड कार्ब्स, मोटापा, डायबिटीज़, हाई कोलेस्ट्रॉल और शराब का अधिक सेवन शामिल हैं। इसके अलावा शारीरिक गतिविधि की कमी भी इसे बढ़ावा देती है। समय रहते सावधानी बरतने पर फैटी लिवर को गंभीर बीमारी बनने से रोका जा सकता है।

फैटी लिवर रोग तेजी से फैलने वाली बीमारी बनती जा रही है, जो दुनिया भर के लोगों को प्रभावित करती है। फैटी लिवर के रोगियों की बढ़ती संख्या के कारण इसके बारे में कई गलत धारणाएं फैल रही हैं, जिससे खतरनाक गलतफहमियां पैदा हो रही हैं। हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड से प्रशिक्षित गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर इस स्थिति से जुड़े तीन बड़े मिथकों को तोड़ा है। आइए जानते हैं कि फैटी लिवर से जुड़े कौन से मिथ हैं जिन्हें तोड़ना जरूरी है।

Myth 1-फैटी लिवर ज़्यादा फैट खाने से होता है

अक्सर लोग मानते हैं कि ज़्यादा तेल या घी खाने से फैटी लिवर होता है जो सच नहीं है। असली कारण है ज़्यादा चीनी का सेवन करना। हाई फ्रुक्टोज फूड्स और अनहेल्दी ऑयल्स का सेवन लिवर में फैट बढ़ाता है। रिसर्च और विशेषज्ञ बताते हैं कि हेल्दी फैट्स जैसे ऑलिव ऑयल, एवोकाडो और नट्स लिवर के लिए फायदेमंद हैं। ज़रूरी है चीनी और खराब तेलों से दूरी बनाना, न कि अच्छे फैट्स से। संतुलित डाइट जिसमें हेल्दी फैट शामिल हों, लिवर को हेल्दी रखने और उसके फंक्शन को सपोर्ट करने में मदद करती है।

Myth 2- फैटी लिवर नुकसान नहीं पहुंचाता

यह धारणा कि फैटी लिवर खतरनाक नहीं है और इसका इलाज करने की ज़रूरत नहीं होती, पूरी तरह गलत है। फैटी लिवर के शुरू में लक्षण नहीं दिखते लेकिन ये स्थिति धीरे-धीरे लिवर में सूजन पैदा कर सकती है, जो आगे चलकर सिरोसिस या लिवर फेलियर का कारण बनती है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इसका पता ज़्यादातर देर से चलता है। अगर समय पर कंट्रोल न किया जाए तो फैटी लिवर liver cancer और जानलेवा बीमारियों तक ले जा सकता है। इसलिए शुरुआती स्टेज में ही डाइट और एक्सरसाइज़ से इसे मैनेज करना बेहद ज़रूरी है।

Myth 3- फैटी लिवर का इलाज सिर्फ सप्लीमेंट्स से होता है

कई लोग मानते हैं कि फैटी लिवर का इलाज सप्लीमेंट्स से हो सकता है। सच यह है कि इसका मुख्य इलाज है सही डाइट और नियमित व्यायाम है। कुछ सप्लीमेंट्स जैसे मिल्क थिसल, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन E और N-acetylcysteine लिवर हेल्थ में मदद कर सकते हैं, लेकिन ये अकेले इलाज नहीं हैं। बिना डॉक्टरी सलाह सप्लीमेंट लेना नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि इसके साइड इफेक्ट्स और दवाओं से इंटरैक्शन हो सकता है। इसलिए इन्हें सिर्फ मेडिकल सुपरविजन में ही लें और हमेशा लाइफस्टाइल में सुधार पर फोकस करें।

फैटी लिवर का नेचुरल इलाज कैसे करें

हेल्दी ईटिंग करें

फैटी लिवर से बचने के लिए डाइट में फल, सब्ज़ियां और साबुत अनाज का सेवन करें। इन फूड्स को खाने से भरपूर फाइबर मिलता है। हेल्दी फैट्स के लिए ऑलिव ऑयल, नट्स और फैटी फिश का सेवन करें। साथ ही अतिरिक्त चीनी, मीठे ड्रिंक और प्रोसेस्ड फूड से परहेज़ करें। शराब का अधिक सेवन लिवर पर सबसे बड़ा बोझ डालता है, इसलिए इसे पूरी तरह से अवॉइड करना बेहतर है।

रेगुलर बॉडी एक्टिविटी रखें

हर दिन वॉकिंग, साइकिलिंग या स्विमिंग जैसी मध्यम स्तर की एक्सरसाइज करें। नियमित शारीरिक गतिविधि वजन कंट्रोल करने में मदद करती है, लिवर की चर्बी घटती है और शरीर की इंसुलिन प्रोसेस करने की क्षमता को बेहतर बनाती है। थोड़ी-सी भी नियमित एक्टिविटी फैटी लिवर के खतरे को काफी हद तक कम कर सकती है।

वजन कंट्रोल करें

शरीर का 3 से 5% वजन भी कम किया जाए तो लिवर में जमी चर्बी में खासतौर पर कमी आती है। इससे लिवर एंजाइम सुधरते हैं, सूजन घटती है और लिवर हेल्दी बनता है।  धीरे-धीरे वजन कम करके आप फैटी लिवर को कंट्रोल कर सकते हैं।

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