यूरोपियन यूनियन (EU) ने फेसबुक (Facebook) की पैरंट कंपनी मेटा (Meta) पर 1.2 बिलीयन यूरो का रिकॉर्ड जुर्माना ठोक दिया है, जो करीब 10700 करोड़ के आसपास है। यह जुर्माना यूरोपियन यूनियन की प्राइवेसी फ्रेमवर्क के उल्लंघन की वजह से लगाया गया है। यूरोपियन यूनियन ने META को यह आदेश भी दिया है कि यूरोप के फेसबुक यूजर्स का डाटा अमेरिका न भेजा जाए। आयरिश डाटा प्रोडक्शन बोर्ड ने कहा है कि सोशल मीडिया कंपनी सारा डाटा अमेरिका ट्रांसफर करती है। इस प्रक्रिया में यूरोप के यूजर्स के मौलिक अधिकारों का हनन होता है।

अब तक की सबसे बड़ी पेनाल्टी

मेटा (Meta) पर यूरोपियन यूनियन के जनरल डाटा प्रोटक्शन रेगुलेशन (GDPR) द्वारा लगाई लग गई यह अब तक की सर्वाधिक पेनाल्टी है। GDPR ने कहा है कि यह पेनाल्टी सिर्फ फेसबुक पर लागू होगी। मेटा की दूसरी कंपनियां, जैसे- इंस्टाग्राम वगैरह इसके दायरे में नहीं आएंगे। बोर्ड ने मेटा को जुर्माना अदा करने के लिए 5 महीने का वक्त दिया है। उधर, दूसरी तरफ कंपनी ने कहा है कि वह इस जुर्माने के खिलाफ अपील करेगी।

Meta पर क्यों लगा जुर्माना?

आयरिश डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड ने कहा है कि मेटा ने जनरल डाटा प्रोटक्शन रेगुलेशन (GDPR) के आर्टिकल 46 (1) का उल्लंघन किया। इस आर्टिकल के मुताबिक किसी कंपनी को सीमा पार डाटा ट्रांसफर करने की अनुमति तभी दी गई है जब वह उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करे। प्रावधान में कहा गया है कि कोई भी कंट्रोलर या प्रोसेसर, पर्सनल डाटा को किसी थर्ड पार्टी या दूसरे देश को तभी ट्रांसफर कर सकता है जब उसके ठोस सुरक्षा और प्राइवेसी की व्यवस्था की गई हो और जरूरी कानूनी उपाय भी किए गए हों।

आयरिश डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड ने कहा है कि मेटा ने स्टैंडर्ड कांट्रेक्चुअल प्रोसेस के तहत डाटा अमेरिका ट्रांसफर किया, लेकिन इस क्लॉज के तहत यूरोपीय डाटा को अमेरिका भेजने में गोपनीयता की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।

3 साल पहले कोर्ट ने रद्द कर दिया था समझौता

आपको बता दें कि साल 2020 में ही यूरोपियन कोर्ट ने अमेरिकी खुफिया सेवाओं की निगरानी के डर से US-EU के बीच डाटा को लेकर हुए एक समझौते को रद्द कर दिया था। कोर्ट के फैसले के बाद यूरोपियन यूनियन और अमेरिका के बीच डाटा ट्रांसफर को लेकर कई दौर की बातचीत हुई और एक फ्रेमवर्क तैयार किया गया, जिसे प्राइवेट शील्ड 2.O नाम दिया गया है। लेकिन इसे अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।

Meta ने क्या कहा है?

Meta ने कहा है कि वह इस अनुचित और अनावश्यक जुर्माने के खिलाफ अदालत में अपील करेगी। मेटा के ग्लोबल अफेयर्स के प्रेसिडेंट निक क्लेग ने कहा है कि वह इस फैसले पर स्टे के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने कहा कि इस फैसले का असर फौरी तौर पर नहीं होगा, क्योंकि जिस डाटा की बात की जा रही है वह पिछले साल का है।