History Of India-China Border Dispute: अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग सेक्टर (Tawang sector) में 9 दिसंबर को भारत और चीनी सैनिकों (PLA) के बीच झड़प हुई। यह पहला मौका नहीं है जब दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हों। इससे पहले गलवान (Galwan) में दोनों देशों के बीच हिंसक झड़प हो चुकी है। गौरतलब है कि चीन, भारत समेत 14 देशों के साथ अपनी सीमा साझा करता है, जो करीब 22 हजार किलोमीटर है।

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किन देशों के साथ लगती है चीन की सीमा?

चीन का भारत के अलावा पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, कज़ाखस्तान, मंगोलिया, रूस, उत्तर कोरिया, वियतनाम, लाओस, म्यांमार, भूटान और नेपाल के साथ बॉर्डर है। इनमें से कई देशों के साथ चीन का सीमा विवाद रहा है। हालांकि अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान, कज़ाखस्तान, म्यांमार, पाकिस्तान और रूस समेत 12 के साथ वह अपना सीमा विवाद काफी हद तक सुलझा चुका है। भूटान के साथ लगी 400 किलोमीटर की सीमा का भी हल अक्टूबर 2021 में हो गया था। वर्तमान में चीन का सबसे बड़ा सीमा विवाद भारत के साथ ही है।

ज़मीन के अलावा चीन से जापान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम और फिलिपींस की समुद्री सीमा भी लगती है। समुद्री सीमाओं के विवाद को लेकर भी चीन अक्सर चर्चा में रहता है।

तवांग में कहां हुआ विवाद?

9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में भारतीय और चीनी सैनिकों की भिड़ंत हुई। यांग्त्से को चीनी सैनिक बार-बार निशाना बनाते रहे हैं। लगभग 14 महीने पहले जब भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को हल करने के लिए 13वें दौर की सैन्य वार्ता आयोजित करने की तैयारी कर रहे थे, तब भी चीनी सैनिकों ने यांग्त्से क्षेत्र से हटने से पहले वहां धक्का-मुक्की की थी।

तवांग सेक्टर में भारत का दबदबा

तवांग सेक्टर में भारतीय सैनिकों का दबदबा है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां से भारतीय सेना चीनी सैनिकों की गतिविधियों को देख पाते हैं। जब भी कोई हलचल होती है, भारतीय सैनिक फेसऑफ़ के लिए आगे बढ़ जाते हैं। भारत ने साल 2016 में तवांग से ही लगभग 250 चीनी सैनिकों एलएसी पार करते देखा था।

भारत-चीन सीमा विवाद

भारत-चीन के बीच सीमा स्पष्ट नहीं है। दोनों देशों के अपने-अपने दावे हैं। चीन मैकमोहन लाइन को नहीं मानता है। दोनों देशों करीब 3500 किमी सीमा साझा करते हैं। यह सीमा तीन सेक्टर्स में बंटा हुआ है। पश्चिमी सेक्टर, मिडिल सेक्टर और  पूर्वी सेक्टर। सबसे लंबा पश्चिमी सेक्टर यानी जम्मू-कश्मीर वाला इलाका है। पश्चिमी सेक्टर की लंबाई करीब 1597 किमी है। मिडिल सेक्टर सबसे छोटा है। इसकी लंबाई 545 किमी है। मिडिल सेक्टर में हिमाचल और उत्तराखंड वाले इलाके आते हैं। पूर्वी सेक्टर की लंबाई 1346 किमी है। इस सेक्टर में सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश आते हैं।

अरुणाचल में चीन के साथ सीमा विवाद

1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद से चीन पूर्वी सेक्टर में अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता रहा है। अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत कहता है। करीब 90 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर अपना दावा बताता है। साथ ही भारतीय नेताओं के अरुणाचल दौरे पर आपत्ति भी जताता रहा है। हालांकि भारत ने हमेशा स्पष्ट किया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है। चीन की आपत्ति तर्कसंगत नहीं है।

दूसरी तरफ भारत पश्चिमी सेक्टर के अक्साई चीन पर दावा करता रहा है। भारत कहता है कि चीन ने 38 हज़ार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।

1990 के दशक से तवांग में तनाव

हालिया विवाद तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाके में झड़प के बाद सामने आया है। यांग्त्से तवांग से 25 किलोमीटर उत्तर में करीब 12 हजार फुट ऊंचाई पर है। पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने बीबीसी से बातचीत में बताया है कि ”यांग्त्से पुराना विवादित क्षेत्र है। 1990 के दशक में जब भारत-चीन के अधिकारियों ने बातचीत शुरू की थी तब भी इसे विवादित इलाका माना गया था।”

जनरल वीपी मलिक बताते हैं कि उनके सेना प्रमुख रहते हुए 1999 में चीन ने यांग्त्से में घुसपैठ की कोशिश की थी। तब भारतीय सेना ने मुकाबला कर उन्हें वापस लौटा दिया था। बता दें तवांग में झड़प के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा है कि ‘तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाके में हुई झड़प में दोनों ही देशों के सैनिक घायल हुए हैं, हालांकि किसी की मौत नहीं हुई है’।

भारत के लिए कितना खास है तवांग, देखें वीडियो

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First published on: 14-12-2022 at 13:01 IST