रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को एक साल पूरा हो चुका है। 24 फरवरी, 2022 को औपचारिक रूप से युद्ध की शुरुआत हुई थी। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसे यूक्रेन के खिलाफ एक विशेष सैन्य अभियान मानते हैं।

रूसी हमले का पश्चिमी देश जमकर विरोध कर रहे हैं। अमेरिका और पश्चिम के अन्य कई देश रूस पर विभिन्न तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं, और यह सिलसिला अब भी जारी है।

रूस के खिलाफ युद्ध लड़ने में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया समेत 40 देश यूक्रेन की मदद कर रहे हैं। ये मुल्क युद्ध शुरू होने के बाद से लगातार यूक्रेन को सैन्य सहायता प्रदान कर रहे हैं। अमेरिका विशेष रूप से यूक्रेन की मदद कर रहा है।

अमेर‍िका ने छह देशों को ज‍ितनी सैन्‍य मदद दी, उसका पांच गुना अकेल यूक्रेन को द‍िया

साल 2020 में अमेरिका ने छह देशों को ज‍ितनी सैन्‍य मदद दी, उससे कई गुना ज्यादा वह सिर्फ एक वर्ष में यूक्रेन को दे चुका है। साल 2020 में अमेरिका ने मिलिट्री खर्च के लिए यूक्रेन को 284 मिलियन डॉलर, जॉर्डन को 504 मिलियन डॉलर, इराक को 548 मिलियन डॉलर, इजिप्ट को 1.3 बिलियन डॉलर, अफगानिस्तान को 2.8 बिलियन डॉलर, इजरायल को 3.3 बिलियन डॉलर दिया था। यान‍ि, इन देशों को साल 2020 में अमेर‍िका ने कुल 8.7 ब‍िल‍ियन डॉलर की सैन्‍य मदद दी। वहीं, युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक अमेरिका सिर्फ यूक्रेन को 46.6 बिलियन डॉलर दे चुका है।

अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, US युद्ध के लिए यूक्रेन को 1035 टैंक और बख्तरबंद गाड़ियां, 236 तोपें और पायलट सहित 20 एयरक्राफ्ट, आदि दे चुका है। देखें अमेरिका द्वारा दिए गए सैन्य संसाधनों के एक छोटे हिस्से की लिस्ट:

सैन्य संसाधनसंख्या
एमआई-17 हेलीकॉप्टर20
T-72B टैंक45
M113 आर्मर्ड पर्सनल कैरियर200
M1117 सिक्योरिटी व्हीकल250
आर्मर्ड मेडिकल ट्रीटमेंट व्हीकल100
मैक्सप्रो MRAP व्हीकल440
स्विचब्लेड ड्रोन700
फीनिक्स घोस्ट ड्रोन1800
हाई-स्पीड एंटी-रेडिएशन मिसाइल (HARMs)1
Humvees (High Mobility Multipurpose Wheeled Vehicle)1000
सामरिक वाहन298
ट्रक44
ट्रेलर88
कमांड पोस्ट व्हीकल4
Light Tactical Vehicles100
सोर्स- U.S. Department of Defense

युद्ध के लिए 46.6 बिलियन डॉलर और फूड व हेल्थ के लिए 3.9 बिलियन डॉलर

अमेरिका ने युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक यूक्रेन को कुल जितना धन दिया है, उसका करीब 60 प्रतिशत रूस से लड़ाई लड़ने के ल‍िए द‍िया गया है। युद्ध शुरू होने के बाद से 15 जनवरी, 2023 तक अमेरिका ने यूक्रेन को करीब 76 बिलियन डॉलर दिया है। इसमें 46.6 बिलियन डॉलर सिर्फ युद्ध के लिए दिया है। उन पैसों से हथियार खरीदे गए हैं, सैनिकों की ट्रेनिंग कराई गई है। 

अमेरिका ने मिलिट्री के अलावा यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को ठीक करने और नागरिकों के स्वास्थ्य और भोजन के लिए भी धन दिया है। लेकिन वह मिलिट्री खर्च की तुलना में बहुत कम है। फाइनेंशियल एड (आर्थिक सहायता कोष, ऋण और अन्य वित्तीय सहायता) की बात करें तो युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिका यूक्रेन को 26.4 बिलियन डॉलर दे चुका है। वहीं ह्यूमैनिटेरियन एड, जिसके तहत हेल्थ केयर, फूड और रिफ्यूजी सपोर्ट आता, उसके लिए मात्र 3.9 बिलियन डॉलर दिया है। ये आंकड़े कील इंस्टीट्यूट फॉर द वर्ल्ड इकोनॉमी की एक पहल यूक्रेन सपोर्ट ट्रैकर से लिया गया है।

हथियार देने वाले युद्ध के लिए जिम्मेदार- चीनी नेता

युद्ध को एक साल पूरे होने के करीब दो दिन पहले चीनी के विदेश मंत्रालय के आला नेता वांग यी रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचे थे। उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करते हुए कहा था, जो देश यूक्रेन को हथियार दे रहे हैं, वो शांति बहाल के रास्ते को कठिन बना रहे हैं।  
21 फरवरी, 2023 को राष्ट्रपति पुतिन ने भी इसी ओर इशारा करते हुए अपने भाषण में कहा था, “मैं यह दोहराना चाहता हूं कि युद्ध के दोषी और गुनहगार वो लोग हैं और हम इसे रोकने के लिए ताकत लगा रहे हैं।”

क्यों शुरू हुआ था युद्ध?

युद्ध की वजह यूक्रेन के नेटो में शामिल होने की ज़िद है। यूक्रेन नेटो में शामिल होने की बात कहता रहा है। रूस इसका विरोध करता है। इसकी वजह है यूक्रेन और रूस की भौगोलिक परिस्थिति। दोनों देश कुछ हजार किलोमीटर बॉर्डर साझा करते हैं। रूस का कहना है कि अगर यूक्रेन नेटो का सदस्य बन जाता है, तो नेटो कंट्री के सैन्य ठिकाने उसके बॉर्डर के पास होंगे, जिससे रूस को खतरा हो सकता है।

नेटो कई शक्तिशाली देशों का सैन्य गठबंधन है। नेटो में पहले 12 देश थे, अब 30 देश हैं। नेटो का सिद्धांत है कि अगर नेटो के किसी एक देश पर हमला होता है, सभी नेटो कंट्री मिलकर उसका जवाब देंगे।