India China Clash: अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग सेक्टर में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प (Tawang Clash) के बाद एक बार फिर चीन से आयात (Import) पर बैन लगाने की मांग उठ रही है। साल 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भी ऐसी ही मांग उठी थी, लेकिन आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि गलवान झड़प के बाद चीन से आयात में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई (India’s imports from China) है। आपको बता दें कि गलवान में हुई हिंसक झड़प (Galwan Clash) में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है चीन
चीन (China), अमेरिका (America) के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर यानी व्यापारिक साझेदार है। साल 2020-21 के डाटा पर नजर डालें तो उस वित्तीय वर्ष में भारत और चीन का द्विपक्षीय ट्रेड 115.83 बिलियन डॉलर का था। जबकि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार इससे मजह थोड़ा सा उपर 119.48 बिलियन डॉलर था।
अब थोड़ा और पीछे चलते हैं। 20 साल पहले तक, साल 2001 से 2012 तक भारत, चीन का दसवें नंबर का व्यापारिक साझेदार था। इससे पहले 2000-2001 में 12वें नंबर, 1999 में 16वें नंबर और1998-99 में 18वें नंबर पर था। लेकिन 2002-2003 के बाद इसमें बढ़ोतरी हुई और दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ता गया। 2011-12 आते-आते चीन भारत के प्रमुख व्यापारिक सहयोगियों में से एक बन गया।
2013-14 के बाद बना नंबर वन ट्रेडिंग पार्टनर (India China Trade Data)
साल 2013-14 में तो चीन, भारत का नंबर वन ट्रेडिंग पार्टनर था और 2017-18 तक इस पोजिशन पर बरकरार रहा। हालांकि 2018-19 और 2019-20 में अमेरिका, चीन का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया। हालांकि 2020-21 में भारत, दोबारा चीन का नंबर वन ट्रेडिंग पार्टनर बना। साल 2021-22 के आंकड़ों पर नजर डालें तो अमेरिका और चीन के अलावा भारत के टॉप-10 व्यापारिक साझेदारों में यूएई, सऊदी अरब, इराक, सिंगापुर, हांगकांग, इंडोनेशिया, साउथ कोरिया और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
चीन से आयात बढ़ा लेकिन निर्यात की कछुआ चाल
आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि 2021 की शुरुआत से ही चीन से आयात (Import) बहुत तेजी से ऊपर गया है। साल 2002 में भारत, चीन से कुल 2 बिलियन डॉलर का आयात करता था जो 2020-21 में बढ़कर 94.57 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। हालांकि इसी अवधि में भारत का चीन (India-China) को निर्यात बेहद धीमी गति से बढ़ा और महज एक बिलियन डॉलर से 21 बिलियन डॉलर तक पहुंच पाया। चीन से आयात में बेतहाशा वृद्धि की वजह से भारत का चीन से व्यापार घाटा भी 2001-02 के 1 बिलियन डॉलर के मुकाबले बढ़कर 73 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो इस साल और बढ़ने की आशंका है।
गलवान में झड़प के बाद तेजी से बढ़ा आयात
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चीन से व्यापार में बढ़ोतरी के पीछे सबसे बड़ी वजह हाल के वर्षों में पड़ोसी मुल्क से इंपोर्ट यानी आयात में बेतहाशा वृद्धि है। साल 2020 में जब लॉकडाउन खुला तो इसके ठीक बाद चीन से आयात में बढ़ोतरी होने लगी। जून में गलवान वैली में खूनी झड़प (Galwan Valley Clash) के ठीक अगले महीने जुलाई में भारत ने चीन से 5.58 बिलियन डॉलर का इंपोर्ट किया। उसके बाद यह लगातार बढ़ता गया और इस साल जुलाई में बढ़कर 10.24 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड था।
भारत चीन से क्या-क्या आयात करता है? (What India buys from China)
साल 2021-22 के आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि में भारत ने तमाम देशों से जितना आयात किया, उसका 15.42% अकेले चीन से आयात किया, जो करीब 94.57 बिलियन डॉलर के करीब था। भारत ने चीन से इलेक्ट्रिकल मशीनरी, इलेक्ट्रिक उपकरण, साउंड रिकॉर्डर, टेलीविजन स्क्रीन, टीवी के साउंड रिकॉर्डर और इससे जुड़े उपकरण, न्यूक्लियर रिएक्टर्स, ब्वॉयलर्स, मशीनरी और तमाम दूसरे उपकरण खरीदे। इसके अलावा ऑर्गेनिक केमिकल, प्लास्टिक और प्लास्टिक के तमाम सामान और फर्टिलाइजर भी आयात किया। भारत ने चीन से जो सामान सर्वाधिक आयात किया उसमें लैपटॉप और पॉमटॉप नंबर एक पर हैं। इसके बाद इसके बाद लिथियम आयन बैटरी, सोलर सेल, और यूरिया टॉप 5 में शामिल हैं।
भारत ने चीन को क्या निर्यात किया? (What China buys from India)
दूसरी तरफ अगर 2022 के भारत के निर्यात आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत ने चीन को कुल 21.25 बिलियन डॉलर का निर्यात किया, जो कुल निर्यात 422 बिलियन का महज 5% था। भारत ने चीन को ऑर्गेनिक केमिकल, मिनरल, मिनरल ऑयल, मिनरल वैक्सिंग, लोहा और स्टील, एल्मुनियम, कॉटन जैसी चीजें निर्यात की।