सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सभी छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने 18 मई 2022 में रिहा हुए एक अन्य दोषी पेरारीवलन के मामले पर विचार करते हुए यह आदेश दिया है।
रिहा होने वालों में नलिनी श्रीहरन, आरपी रविचंद्रन, संथान, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार शामिल हैं। पैरोल पर बाहर आयीं नलिनी ने रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
नलिनी ने अपनी याचिका में कहा था कि 9 सितंबर 2018 से उसकी कैद अवैध है क्योंकि तमिलनाडु सरकार ने हत्या के मामले में उसके सहित सात दोषियों को रिहा करने की सिफारिश करते हुए एक कैबिनेट प्रस्ताव पारित किया था। लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने 11 मार्च को उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
नलिनी श्रीहरन और कैद
नलिनी श्रीहरन जेल में सबसे लंबे समय तक रहने वाली महिला कैदी हैं। वह करीब 31 साल जेल में रही हैं। उन्हें 14 जून, 1991 को गिरफ्तार किया गया था। इस बीच वह पहली बार 2016 में अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 12 घंटे जेल से बाहर रही थीं। दूसरी बार जेल से बाहर निकलने का मौका उन्हें जुलाई 2019 में मिला था। तब वह अपनी बेटी हरिता की शादी में शामिल हुई थीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई 2020 में नलिनी ने वेल्लोर विशेष महिला जेल में आत्महत्या का प्रयास भी किया था। हालांकि पुलिस और जेल अधिकारियों ने दावों का खंडन करते हुए बताया था कि नलिनी ने केवल आत्महत्या करने की धमकी दी थी।
कैसे हुई थी गिरफ्तारी?
राजीव गांधी हत्या कांड में शामिल होने के वक्त नलिनी की उम्र 24 साल थी। वह एथिराज कॉलेज से अंग्रेजी भाषा और साहित्य में ग्रेजुएट कर चुकी थीं। नलिनी की मां पद्मावती नर्स और पिता पी. शंकर नारायणन पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर थे। वह अपने मां-बाप की सबसे बड़ी संतान थीं।
नलिनी श्रीपेरंबदूर में राजीव गांधी की चुनावी रैली में प्रमुख साजिशकर्ताओं, शिवरासन, धनु (मानव बम), सुभा और हरिबाबू के साथ थीं। पुलिस ने घटना स्थल से एक फ्रीलांस फोटोग्राफर का कैमरा बरामद किया था। कैमरे से नलिनी, शिवरासन, धनु और सुभा की तस्वीरें मिले थीं, जो बाद में गिरफ्तारी का कारण बनीं।
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नलिनी ने लिखी है आत्मकथा
साल 2016 में नलिनी श्रीहरन की 500 पन्नों की आत्मकथा प्रकाशित हुई थी, जिसे पत्रकार एकलाइवन ने संकलित किया है। आत्मकथा में नलिनी के बचपन, श्रीहरन से शादी, गिरफ्तारी, प्रसव, दोषी सिद्ध होने और आजीवन कारावास का ब्योरा है। साथ इस बात खुलासा है कि साल 2008 में वेल्लोर जेल में उनसे मिलने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा गयी थीं। किताब में नलिनी ने बताया है कि राजीव गांधी की हत्या की योजना के बारे में उन्हें और उनके पति को जानकारी नहीं थी।