Collegium: जजों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार (Central Government) और न्यायपालिका (Judiciary) के बीच ठनी हुई है। जजों की नियुक्ति वाले मौजूदा कोलेजियम सिस्टम (Collegium System) से असंतुष्ट कानून मंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice Of India) डी. वाई. चंद्रचूड़ (Dhananjaya Y. Chandrachud) को पत्र लिखा है।
दो चाचा भतीजे बन चुके हैं CJI
भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश एच जे कनिया (सर हरिलाल जेकिसुनदास कनिया) थे। उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 1950 से 6 नवम्बर, 1951 तक था। करीब 40 साल बाद एच जे कनिया के भतीजे एम एच कनिया (मधुकर हीरालाल कानिया) भी भारत के मुख्य न्यायाधीश बनें। वह 23वें सीजेआई थे। उनका कार्यकाल 13 दिसम्बर, 1991 से 17 नवम्बर, 1992 तक था।
चाचा भतीजे की दूसरी जोड़ी 21वें और 45वें मुख्य न्यायाधीश की है। भारत के 21वें मुख्य न्यायाधीश रंगनाथ मिश्र थे। उनका कार्यकाल 26 सितम्बर, 1990 से 24 नवम्बर, 1991 तक था। 27 साल बाद जस्टिस रंगनाथ मिश्र के भतीजे जस्टिस दीपक मिश्रा भारत के 45वें मुख्य न्यायाधीश बने थे। उनका कार्यकाल 28 अगस्त, 2017 से 2 अक्टूबर, 2018 तक था।
पिता और पुत्र दोनों रहे CJI
वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ (धनंजय यशवंत चंद्रचूड़) है। वह भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश है। जस्टिस चंद्रचूड़ (Justice Dhananjaya Yeshwant Chandrachud) 9 नवम्बर, 2022 को सीजेआई बने थे। उनका कार्यकाल 10 नवंबर, 2024 के खत्म होगा। दिलचस्प है कि डी. वाई. चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ (Y. V. Chandrachud) भी भारत के मुख्य न्यायाधीश थे। वह 16वें सीजेआई थी। उनका कार्यकाल 22 फरवरी, 1978 से 11 जुलाई, 1985 तक था। यह अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है।
पिता के बाद बेटी बन सकती हैं CJI
भारत के 19वें मुख्य न्यायाधीश ईएस वेंकटरमैया का कार्यकाल 19 जून, 1989 से 17 दिसम्बर, 1989 तक रहा था। वेंकटरमैया मात्र 181 दिन के लिए सीजेआई बने थे। जस्टिस ईएस वेंकटरमैया की बेटी जस्टिस बीवी नागरत्ना फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में सीनियर जज हैं। जस्टिस नागरत्ना साल 2027 में एक महीने के सीजेआई बन सकती है। अगर ऐसा होता है तो वह भारत की पहली महिला सीजेआई होंगी।
सुप्रीम कोर्ट में दादा पोते की भी रही जोड़ी
जस्टिस बीपी सिन्हा और जस्टिस बीपी सिंह दादा-पोते थे। जस्टिस बीपी सिन्हा भारत के छठें मुख्य न्यायाधीश थे। वहीं जस्टिस बीपी सिंह सुप्रीम कोर्ट में दिसंबर 2001 से जुलाई 2007 के बीच जज के रूप में कार्यरत रहे थे।
न्यायमूर्ति केएस हेगड़े सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज रहे। जूनियर जज को सीजेआई बनाए जाने बाद केएस हेगड़े ने 30 अप्रैल, 1973 को अपना त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद वह लोकसभा के स्पीकर भी रहे। बाद में केएस हेगड़े के बेटे संतोष हेगड़े भी सुप्रीम कोर्ट में जज बनें। वह सर्वोच्च न्यायालय में जनवरी 1999 से जून 2005 के बीच न्यायाधीश रहे।
वर्तमान का हाल
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस के.एम. जोसेफ के पिता के. के. मैथ्यू भी सुप्रीम कोर्ट के जज थे। उनका कार्यकाल 1971-76 तक था। जस्टिस संजीव खन्ना के पिता दिल्ली हाई कोर्ट के जज थे और उनके चाचा जस्टिस एच. आर. खन्ना सुप्रीम कोर्ट के जज थे। जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा और सुधांशु धूलिया के पिता भी उच्च न्यायालयों के जज रह चुके हैं।