प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के कई वादों की डेडलाइन साल 2022 थी। खत्म होते साल के साथ सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी के वादों को याद किया जा रहा है। पीएम ने कहा था कि 2022 तक सभी भारतीयों के पास अपना घर होगा, किसानों की आय दोगुनी होगी, बुलेट ट्रेन चलेगा, भारत के सभी घरों में 24 घंटे सातों दिन बिजली होगी, अर्थव्यवस्था दोगुनी होगी, आदि। आइए जानते हैं, प्रधानमंत्री के वादों की वास्तविक स्थिति क्या है?:
2022 तक दोगुनी हो जाएगी अर्थव्यवस्था- मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 सितंबर 2018 को कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2022 तक दोगुना होकर 5 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा। उन्होंने कहा था कि इसमें मैन्युफैक्चरिंग और कृषि क्षेत्र एक-एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान देंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने यह वादा नई दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर के शिलान्यास समारोह में बोलते हुए किया था।
भारत दुनिया की सबसे पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत का जीडीपी 3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का हो गया है। यह आंकड़ा 2014 में 2.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक जरूर है लेकिन प्रधानमंत्री के वादे के मुताबिक 5 ट्रिलियन डॉलर नहीं है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अभी भी इंडियन इकॉनमी में एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान नहीं दे रहा है। इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन का अनुमान है कि 2025 तक भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर इंडियन इकॉनमी में एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान देने की स्थिति में होगा।
2022 तक किसानों की आय हो जाएगी दोगुनी- मोदी
20 जून, 2018 को नौ राज्यों के किसानों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार की योजनाओं बात करते हुए कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। उन्होंने कहा था कि सरकार के प्रयासों के कारण किसान अब चिंतामुक्त हैं। प्रधानमंत्री यह बात 2016 में भी कही थी।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इतना बड़ा वादा करने के बावजूद केंद्र सरकार के खिलाफ एक वर्षीय लंबा किसान आंदोलन हो चुका है। जिन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आंदोलन चलाया था कि सरकार को उसे वापस भी लेना पड़ा था। जहां तक आय दोगुना होने का सवाल है, तो 2018 में ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से देश की पहली कृषि निर्यात नीति को भी मंजूरी दी थी।
हालांकि मोदी सरकार ने अब तक यह आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया है कि किसान 2016 में कितना कमाते थे और अब उनकी कमाई कितनी हो गयी है। इस कारण यह जानना असंभव हो गया है कि किसानों की आय दोगुनी हो गई है या नहीं। 2019-20 में सरकार ने कृषि के लिए 113,800 करोड़ का बजट रखा था। 2022-23 में यह घटकर 105,710 करोड़ हो गया था।
इसके अलावा खेती-किसानी से जुड़े लोग भी घटे हैं। 2018-19 में कुछ 54 प्रतिशत ग्रामीण परिवार खेती में लगे हुए थे, एनएसओ के अनुसार, 2012-13 में यह आंकड़ा 57.8 प्रतिशत था।
2022 तक चलेगी बुलेट ट्रेन- मोदी
11 फरवरी 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओमान में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा था कि बुलेट ट्रेन परियोजना 2022 तक भारत में एक वास्तविकता होगी।
प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना के बारे में बात की और कहा कि बुलेट ट्रेन न केवल रेलवे नेटवर्क को बढ़ावा देगी बल्कि नवाचार और प्रौद्योगिकी क्षेत्र को भी बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा, “नए भारत में अब हम टालमटोल नहीं करते हैं।”
हालांकि अभी तक बुलेट ट्रेन का काम पूरा नहीं हुआ है। रेल मंत्रालय ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी थी कि सिर्फ 22.46% काम ही पूरा हुआ है। कई जगहों पर अभी भूमि अधिग्रहण का काम भी पूरा नहीं हुआ है। गुजरात में 98.87% और महाराष्ट्र में 95.45% भूमि अधिग्रहण किया जा चुका है। दादर और नागर हवेली में भूमि अधिग्रहण का काम 100 फीसदी पूरा हो चुका है।
सितंबर 2017 में प्रोजेक्ट का शिलान्यास करते हुए कहा गया था कि 15 अगस्त 2022 तक मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन शुरू हो जाएगी। बाद में डेडलाइन बढ़ाकर 2023 किया गया। इसके बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान आया था कि बुलेट ट्रेन के चलने में 2026 तक का समय लग सकता है।
2022 तक सबके पास होगा घर – मोदी
दिसंबर 2016 में ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना’ की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगरा में कहा था कि साल 2022 तक प्रत्येक भारतीय के पास अपना घर होगा। पूरी तरह से ग्रामीण जनता के लिए डिज़ाइन किए गए उस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य वर्ष 2022 तक गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले सभी लोगों को किफायती घर उपलब्ध कराना था। लॉन्च के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार गरीब लोगों के लिए समर्पित है और इसकी सभी योजनाएं उनके लिए हैं।
आवास मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि शहरी आवास योजना के तहत केवल 67 लाख घर बनाए गए हैं। यह आंकड़ा स्वीकृत 1.22 करोड़ घरों का करीब आधा है। साल 2020 में इंडिया स्पेंड ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि भारत में करीब 1.77 मिलियन लोग बेघर हैं।
2022 तक सभी घरों में 24X7 बिजली- मोदी
साल 2015 में शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर स्कूली छात्रों के साथ बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 2022 में जब भारत आजादी के 75 साल मनाएगा, हर घर में 24X7 बिजली होनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने लिए यह लक्ष्य रखा था।
अगस्त 2021 में लोकसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक, हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में 15.50 घंटे ही बिजली की सप्लाई थी। इसी तरह उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 16.26 घंटे, कर्नाटक के ग्रामीण क्षेत्रों में 19.11 घंटे, त्रिपुरा के ग्रामीण क्षेत्रों में 19.33 घंटे और हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में 19.57 घंटे बिजली सप्लाई का आंकड़ा पेश किया गया था।