2 जुलाई को कश्मीरी फोटो जर्नलिस्ट सना इरशाद मट्टू को दिल्ली से पेरिस के लिए फ्लाइट लेनी थी। लेकिन जब वो एयरपोर्ट पहुंची तो इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें यात्रा करने से रोक दिया। मट्टू का आरोप है कि उन्हें यह नहीं बताया गया कि वो यात्रा क्यों नहीं कर सकतीं। बस इतना कहा गया कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने की अनुमति नहीं है। सवाल उठता है कि वो कौन सा कानून है जिसके तहत विदेश यात्राओं पर रोक लगाई जाती है? क्या सरकार ऐसा किसी के साथ भी कर सकती है?

मट्टू को दिल्ली एयरपोर्ट पर रोके जाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने कहा है कि ”सरकार एलओसी (लुकआउट सर्कुलर) का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही है। जो लोग सरकार की आलोचना में शामिल हैं, उन्हें परेशान किया जा रहा है।” सरकार ज्यादातर मामलों में लुकआउट सर्कुलर (LOC) का ही इस्तेमाल कर विदेश यात्राओं पर प्रतिबंध लगाती है।

क्या है लुकआउट नोटिस? : लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी यह सुनिश्चित करने के लिए LOC जारी करती कि कोई वॉन्टेड या फरार व्यक्ति देश न छोड़ सके। इसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और बंदरगाहों के इमिग्रेशन चेकप्वाइंट के जरिए अमल में लाया जाता है। कई मामलों में पुलिस किसी व्यक्ति के देश के बाहर जाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए अदालत का दरवाजा भी खटखटाती है। ऐसा तब होता जब पुलिस को लगता है कि अमुक व्यक्ति जांच से बचने के लिए देश छोड़ रहा या रही है। LOC को अदालत में चुनौती देकर, राहत पायी जा सकती है।

क्या LOC जारी होने पर गिरफ्तारी भी होती है? : LOC जारी होने पर गिरफ्तारी हो ही, ऐसा जरूरी नहीं है। एलओसी कई प्रकार के हो सकते हैं। कई बार सिर्फ उस व्यक्ति को रोकने की कोशिश होती है, जिसके खिलाफ नोटिस जारी हुआ होता है। कभी किसी व्यक्ति को देश में घुसने से रोकने के लिए या संबंधित जांच एजेंसियों को सूचित करने के लिए भी एलओसी जारी होता है। हालांकि यह मुमकिन है कि विशेष परिस्थियों में स्थानीय पुलिस या जांच एजेंसियां हिरासत में ले लें, जो आमतौर पर गिरफ्तारी में बदल जाता है।

बता दें कि अपनी तस्वीरों के लिए 2022 का पुलित्जर पुरस्कार जीत चुकी मट्टू ने पूरे घटनाक्रम का ब्योरा ट्विटर पर तस्वीर के साथ साझा किया है। मट्टू ने लिखा है, ”मुझे बुक लॉन्च इवेंट और फोटो प्रदर्शनी में शामिल होने के लिए पेरिस जाना था। मैं सेरेनडिपिटी आर्ल्स ग्रांट के 10 विनर में से एक के तौर पर इस प्रदर्शनी में शामिल होने जा रही थी। फ्रांस का वीजा होने के बावजूद मुझे दिल्ली एयरपोर्ट पर रोक लिया गया। इसके पीछे की वजह नहीं बताई गई। बस कहा गया कि आप अंतरराष्ट्रीय यात्रा नहीं कर सकती हैं।”

https://youtu.be/KmtjLo7Imsk

केंद्र या राज्य की तरफ से अभी तक इस बाबत कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मट्टू का नाम कश्मीर के उन चुनिंदा पत्रकारों की सूचि में शामिल हैं, जिनकी यात्रा पर सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है। सितंबर 2019 में कश्मीरी पत्रकार गौहर गिलानी को इमिग्रेशन अधिकारियों ने जर्मनी जाते समय दिल्ली हवाई अड्डे पर रोक दिया था। पिछले साल जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पत्रकार से शिक्षाविद बने जाहिद रफीक को अमेरिका जाने से रोक दिया था। इसके अलावा पत्रकार रूवा शाह को भी विदेश यात्रा से रोका गया था।