मोदी सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। हालांकि प्रदर्शन शुरू होने के कुछ घंटे बाद ही सरकार ने मिथ्स बनाम फैक्ट्स दस्तावेज जारी किया। बताया गया कि इस योजना से न केवल नई क्षमताएं आएंगी, बल्कि निजी क्षेत्र में भी रास्ते खुलेंगे। सरकार वित्तीय पैकेज की सहायता से युवाओं को उद्यमी बनने में भी मदद करेगी।

इस योजना के खिलाफ सड़क पर विरोध करने वालों को मूलभूत सुविधाओं की चिंता अधिक सता रही है। उनकी प्राथमिक चिंताओं में नौकरी का सिर्फ चार साल के लिए होना, पेंशन का हटा दिया जाना और सैनिक व उनके परिजनों को सस्ती स्वास्थ्य सुविधा न मिलना शामिल है। एक डर ये भी था कि इनमें से कई अब अग्निपथ योजना के लिए पात्र नहीं रह गए, क्योंकि अग्निवीर बनने की आयु सीमा 17.5 से 21 वर्ष रखी गयी थी। गुरुवार की देर रात सरकार की तरफ से इस चिंता को दूर करने की कोशिश हुई। सरकार ने इस योजना के तहत उम्मीदवारों की आयु सीमा 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दी है। हालांकि उम्र की यह सीमा केवल इस साल के लिए बढ़ाई गई है। मालूम हो कि पिछले दो साल से सेना में भर्ती रुकी हुई थी।

अब तक, एक सैनिक के पास लगभग 17 साल की नौकरी होती थी। रिटायरमेंट के बाद पेंशन की सुविधा थी। इसके अलावा सैनिक और उसके परिवार के लिए सस्ती स्वास्थ्य सुविधा भी थी। अग्निपथ योजना इन लाभों को समाप्त कर देगा। इस योजना का एक मुख्य लेकिन अनकहा उद्देशय सशस्त्र बलों के बढ़ते वेतन और पेंशन बिल में कटौती करना भी है। वित्त वर्ष 2022-23 का रक्षा बजट 5.25 लाख करोड़ है। इसमें से वेतन और पेंशन के लिए सरकार ने 2.5 लाख करोड़ रुपये आवंटित किया है।

अग्निपथ योजना के तहतत भर्ती होने वाले युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा। कार्यकाल (4 वर्ष) के दौरान सरकार वेतन का भुगतान करेगी। चार वर्ष बाद नौकरी खत्म होने पर 11.7 लाख रुपये की एकमुश्त राशि दी जाएगी, जिसपर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना होगा। यदि अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान मौत हो जाती है तो, परिवार को बीमा की राशि और शेष वेतन को मिलाकर 1 करोड़ रुपया एकमुश्त दिया जाएगा।

अग्निवीर योजना के तहत नौकरी के चार साल बाद 75 प्रतिशत की नौकरी तो चली जाएगी। लेकिन जो 25 प्रतिशत बचेंगे उन्हें तमाम सुविधाओं का लाभ मिलेगा। लेकिन इसके लिए उन 25 प्रतिशत को फिर से भर्ती की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। चयन होने पर 15 वर्ष अतिरिक्त नौकरी करने का मौका मिलेगा और उस सेवा के लिए पेंशन और स्वास्थ्य लाभ भी दी जाएगी।

जो 75 प्रतिशत सेवामुक्त किए जाएंगे वो दूसरे क्षेत्र में करियर बनाने के लिए स्वतंत्र होंगे। कई विभागों और सरकारों ने मदद का आश्वासन दिया है। नौकरी चाहने वालों के लिए सरकार पहले ही कह चुकी है कि उन्हें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में प्राथमिकता मिलेगी। कुछ भाजपा शासित राज्यों ने भी पुलिस भर्ती में प्राथमिकता का आश्वासन दिया है। इसके अतिरिक्त सरकार ने कहा है कि “अन्य क्षेत्रों में भी उनके लिए कई रास्ते खोले जा रहे हैं।”