Sudhir Chaudhary: जी न्यूज के पत्रकार सुधीर चौधरी ने अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट ट्वीट किया। इस पोस्ट में सुधीर चौधरी ने अपना एक वीडियो शेयर किया जिसमें वह किसानों के बारे में बात करते दिख रहे हैं। इस पोस्ट को शेयर कर कैप्शन में सुधीर चौधरी ने लिखा- ‘ये आंदोलन IC 814 की तरह हाइजैक हो चुका है।’ वहीं सुधीर चौधरी कहते दिखे कि वहां जितने लोग बैठे हैं उन्हे इस बात का अंदाजा ही नहीं है कि आखिर ये बिल है क्या? सुधीर चौधरी के इस पोस् को देख कर लोग भी रिएक्ट करने लगे।

सुधीर चौधरी इस वीडियो क्लिप में कहते है- 90 % से ज्यादा लोग जो वहां बैठे हैं उन्हें असल में कृषि कानून के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। अगर आप उनसे पूछेंगे कि आपकी जमीन कैसे छीन ली जाएगी ? क्या आप बताएंगे? तो वो आपको बता ही नहीं पाएंगे और कहेंगे कि बस हमें ये पता है कि हमारी जमीन छीन ली जाएगी। उन्हें ये समझा दिया गया है। एक ऐसा माहौल वहां बना दिया गया है, एक ही चीज उनके मन में भर दी गई है कि ये तीनों कृषि कानून किसानों को कंगाल बना देंगे।

उन्होंने आगे कहा-  किसान सड़कों पर उतर आएंगे। और जब आप इन्हें इसके बारे में समझाने की कोशिश करेंगे तो ये किसान कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं होंगे वो कोई वाद विवाद इस बारे में नहीं करना चाहते। कोई लॉजिक नहीं सुनना चाहते। अगर आप जरूरत से ज्यादा उनसे बात करेंगे तो वह गाली गलौच पर उतर आते हैं। और फिर वह चाहते हैं कि आप वहीं से किसी भी तरह चले जाएं।

सुधीर चौधरी आगे बोले- जो असली किसान है वो यहां इतनी बेफिक्री से बैठ ही नहीं सकता। इससे साफ पता चलता है कि किसी खास मकसद से इन किसानों को यहां भेजा गया है। इनसे कह दिया गया है कि आप किसी चीज की फिक्र मत कीजिए, पैसों की चिंता मत कीजिए। खाने पीने की चिंता की कोई जरूरत नहीं है। अब तो इस आंदोलन से एक अखबार भी निकलने लगा है। वो अखबार लगातार बांटा जाता है। वहा पर मॉल बना दिया गया है। जहां जरूरत की सारी चीजें आंदोलनकारियों को मुफ्त में दी जा रही हैं।

इस वीडियो को देख कर एक यूजर्स कहने लगा- आपसे मैं एक सवाल करना चाहता हूं, क्या आपने सिंधु बॉर्डर जाने का प्रयास किया? अगर नहीं तो मैं आपसे रिक्वेस्ट करता हूं, जरा जाइए और जाकर के देखिए। आप नहीं जानते सुधीर जी कि हम किस कंडीशन से गुजर रहे हैं। किस सिचुएशन में हैं हम। एक ने कहा-देश को गृह युद्व से बचाना है तो जातियों को संविधान से समाप्त करना बहुत ही जरूरी है। अमीरों के पास नौकर है, गरीब रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दो ही वर्ग है अमीर व गरीब। जातीय संविधान समाप्त करो।

एक यूजर ने कहा- क्यों खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हो सुधीर बाबू। भूखे मर जाओगे एक दिन। तुम्हारी आने वाली पीढीयां रोएंगी और बोलेंगी कि यदि दादा ने उस समय तानाशाह की चमचागिरी नहीं की होती तो आज अपने देश का किसान किसी और मुकाम पर होता और हमें खाद्य पदार्थ आयात नहीं करने पड़ते! तो कोई बोला- आप बिल्कुल सच बोल रहे हो। राहुल गांधी को लगता है कि हर बात पर चीन का नाम लूंगा तो चीन और भारत का झगड़ा हो जाएगा और उस पर जो नुकसान होगा उसी से मैं अपनी राजनीति की रोटियां खाऊंगा। लेकिन उसकी कांग्रेस की सरकार राजस्थान में भी है और हमारे यहां हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा बिजली बिल आता है।