एक्टर, फिल्म निर्माता संजय खान की पत्नी ज़रीन खान का 7 नवंबर, 2025 को 81 वर्ष की आयु में कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। उसी दिन उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया, जिसमें परिवार और करीबी लोगों समेत इंडस्ट्री के भी कई लोग शामिल हुए। जैसे ही ज़रीन का अंतिम संस्कार हुआ और कई वीडियो ऑनलाइन सामने आए, कई लोगों ने आश्चर्य व्यक्त किया कि उनका अंतिम संस्कार मुस्लिम रीति-रिवाज नहीं, बल्कि हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हुआ था।

अलग-अलग वीडीयो में जायद को हिंदू रिवाज के अनुसार मां का अंतिम संस्कार करते देखा गया। एक तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो रही है, जिसमें जायद खान को एक पंडित के बताए अनुसार अंतिम संस्कार की रस्में निभाते हुए देखा गया, जबकि जरीन के पोते-पोतियां उनके पार्थिव शरीर को ले जा रहे थे।

क्यों हिंदु रीति-रिवाज से हुआ ज़रीन का अंतिम संस्कार?

जो लोग नहीं जानते, उन्हें बता दें कि ज़रीन खान जन्म से ही हिंदू थीं और उनका असली नाम ज़रीन कटरक था। संजय खान से शादी के बाद भी उन्होंने कभी इस्लाम धर्म नहीं अपनाया, यही वजह है कि उनका अंतिम संस्कार उनके पति के मुस्लिम धर्म के बजाय हिंदू रीति-रिवाजों से किया गया। इसलिए परिवार ने यह सुनिश्चित किया कि उनका हिंदू परंपराओं के अनुसार ‘दह संस्कार’ हो।

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कैसे हुई थी ज़रीन-संजय खान की शादी?

ज़रीन की पहली मुलाक़ात संजय से उनकी मां बीबी फ़ातिमा बेगम ख़ान के ज़रिए हुई थी। उस वक्त ज़रीन महज 14 साल की थीं। दोनों ने 1966 में एक दूसरे को डेट करना शुरू की और आखिरकार शादी के बंधन में बंध गए। शादी से पहले, ज़रीन कटराक 1960 के दशक में एक लोकप्रिय मॉडल के रूप में अपनी पहचान बना चुकी थीं।

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उन्होंने ‘तेरे घर के सामने’ और ‘एक फूल दो माली’ जैसी फिल्मों में अपनी खूबसूरती और आकर्षण से दर्शकों को प्रभावित किया। हालांकि, खान परिवार में शादी के बाद, उन्होंने अभिनय से दूरी बना ली और इंटीरियर डिजाइन और होम डेकोर पर ध्यान केंद्रित किया। ज़रीन ने लेखन, कुकबुक और लाइफस्टाइल लेखों के माध्यम से भी अपनी क्रिएटिविटी का परिचय दिया।