इस साल कई स्टैंड-अप कॉमेडियंस अपने विवादित जोक्स और वायरल वीडियो क्लिप्स को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। कॉमेडियन समय रैना के शो को लेकर इस साल बड़ा विवाद भी हुआ। जिनके यूट्यूब शो को कई दर्शकों ने अश्लील बताकर कड़ी आलोचना की। दिग्गज गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने भी इसे गलत बताया।। स्टैंड-अप कॉमेडी में गाली-गलौज के इस्तेमाल को लेकर चल रही बहस के बीच, कॉमेडियन ज़ाकिर खान ने दिग्गज गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर की हालिया टिप्पणियों पर अपनी राय रखी है।
दरअसल ‘शोले’, ‘दीवार’ और ‘जंजीर’ जैसी फिल्मों की पटकथा लिखने वाले और हजारों मशहूर गीत रचने वाले जावेद अख्तर ने हाल ही में कहा कि कंटेंट में गालियों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल अक्सर उसकी कमजोर सोच या कमी को छुपाने का तरीका होता है। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, “अगर बातचीत फीकी हो जाती है, तो उसमें जान डालने के लिए कुछ अपशब्द मिला दिए जाते हैं।”
इसके अलावा उन्होंने कहा था, “ओडिशा हो, बिहार हो या मैक्सिको—दुनिया में जहां भी गरीबी है, वहां लोग खाने में ज्यादा मिर्च खाते हैं, क्योंकि खाना फीका होता है। स्वाद लाने के लिए मिर्च डाली जाती है। गाली-गलौज भाषा की वही मिर्च है। अगर आपकी भाषा अच्छी है और आप समझदार व चतुर हैं, तो आपको इस मिर्च की जरूरत नहीं पड़ती।”
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ज़ाकिर खान ने दिया रिएक्शन
द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा आयोजित एक्सप्रेस अड्डा में ज़ाकिर खान ने जावेद अख्तर के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी। ज़ाकिर ने कहा, “मैं जावेद अख्तर का बहुत सम्मान करता हूं। मुझे उनका काम बेहद पसंद है। एक कलाकार के तौर पर हम उन कलाकारों की सराहना करते हैं जो समय के साथ खुद को ढालते हैं। वह बहुत पढ़ते हैं। एक लेखक के रूप में जिस भाषा और संस्कृति का वह प्रतिनिधित्व करते हैं, उस लिहाज से कॉमेडियंस पर उनकी टिप्पणी सही है।”
हालांकि, उन्होंने इसके दूसरे पहलू पर भी बात की। उन्होंने कहा, “लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि सभी को इसे जरूरी तौर पर अपनाना ही पड़े। अगर किसी की भाषा में गालियां हैं, तो उसे रोक नहीं सकते। जैसे-जैसे इंसान समझदार होता है, वह कुछ चीजों से खुद ही परहेज करना सीखता है। लेकिन किसी पर उंगली उठाना सही नहीं है।”
