लोकप्रिय टेलीविजन धारावाहिक ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की अभिनेत्री शिवांगी जोशी का कहना है कि उन्होंने अपने व्यक्तित्व के नए पहलुओं को तलाशने और अनुभव प्राप्त करने के लिए स्टंट आधारित रियलिटी सीरीज ‘खतरों के खिलाड़ी’ में भाग लेने का फैसला किया।पुणे में जन्मीं शिवांगी ने 2013 में ‘खेलती है ंिजदगी आंख मिचोली’ नामक धारावाहिक के साथ टेलीविजन की दुनिया में कदम रखा था और इसके बाद उन्होंने ‘बेइंतहा’, ‘लव बाय चांस’ और ‘बेगूसराय’ जैसे टीवी धारावाहिकों में भी काम किया।

लेकिन, शिवांगी को ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ धारावाहिक में नायरा सिंघानिया के किरदार से ही प्रसिद्धि और पहचान मिली।शिवांगी ने कहा कि उन्होंने ‘खतरों के खिलाड़ी’ के 12वें सीजन में काम करने का प्रस्ताव इसलिए स्वीकार कर लिया क्योंकि यह शो प्रतिभागियों को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में डालता है और उनको जिंदगी में बहुत कुछ सीखने का मौका देता है। शिवांगी (24) ने कहा, ‘खतरों के खिलाड़ी’ जैसे शो में काम करने का अनुभव पूरी तरह से अलग होता है। मैं इस शो में कोई किरदार नहीं निभा रही हूं, यह सब वास्तविक है। मैं खुद अपने डर का सामना कर रही हूं, स्टंट कर रही हूं, चोटिल हो रही हूं और ग्लिसरीन के बिना असल में रो रही हूं।

मैंने इस शो को विशुद्ध रूप से केवल उस अनुभव के लिए किया जो मुझे कहीं और नहीं मिलेगा।’अभिनेत्री ‘खतरों के खिलाड़ी 12’ में 14 सेलिब्रिटी प्रतियोगियों में से एक हैं। उनके अलावा सृष्टि झा, मोहित मलिक, रुबीना दिलाइक, निशांत भट्ट, प्रतीक सहजपाल, तुषार कालिया, जन्नत जुबैर, मिस्टर फैजू, कनिका मान, एरिका पैकार्ड, अनेरी वजानी, चेतना पांडे और राजीव अदतिया इसमें काम कर रहे हैं। यह शो कलर्स टीवी चैनल पर प्रसारित हो रहा है।

सायरा बानो ने कहा,‘फीका’ हो चुका है जीवन

दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के निधन को एक साल हो गया है और उनकी पत्नी सायरा बानो का कहना है कि दिलीप कुमार के साथ उनके जीवन का हर रंग चला गया है और उनका जीवन फीका हो चुका है।चिकित्सकों ने सायरा को लोगों से मिलने जुलने और व्यस्त रहने की सलाह दी है। लेकिन, तमाम कोशिशों के बावजूद सायरा के लिए जीवन में आगे बढ़ना मुश्किल हो गया है।

सायरा बानो ने विशेष साक्षात्कार में गुरुवार को कहा, ‘युसुफ साहब के बिना मेरा जीवन ‘फीका’ है। यह एक अलग तरह का प्यार है। आप अपने जीवन में कुछ लोगों की जगह किसी और को नहीं दे सकते। मुझे चाहे दुनिया की सारी दौलत दे दो और दूसरी ओर दिलीप साहब को रख दो…., मुझे दिलीप साहब चाहिए।’ ‘मुगल-ए-आजम’, ‘शक्ति’ और कई अन्य फिल्मों में शानदार अभिनय के जरिए भारतीय सिनेमा के इतिहास में महान कलाकारों की सूची में अपना नाम दर्ज कराने वाले दिलीप कुमार लोगों के लिए एक दिग्गज अभिनेता थे लेकिन सायरा बानो के लिए वे उनके ‘साहब’ थे। दिलीप कुमार और सायरा बानो का रिश्ता 55 साल, दिलीप कुमार के निधन तक चला।

दिलीप कुमार की आंखों में चमक, ंिहदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के लिए उनका प्यार और विशेष चाय के लिए उनका शौक, ये मुट्ठी भर कुछ यादें हैं जिन्हें सायरा ने सहेज कर रखा है। केवल 12 साल की उम्र में ही सायरा बानो दिलीप कुमार की दीवानी बन गईं थीं। पिछले साल 98 वर्ष की उम्र में दिलीप कुमार का निधन हो गया था। सायरा बानो ने कहा, ‘हम अपने परिवार और करीबी दोस्तों के साथ एक प्रार्थना सभा करेंगे। उनकी आत्मा को शांति मिले, इसके लिए हम एक साथ ध्यान और प्रार्थना करेंगे। हम प्रार्थना करेंगे कि वह अपने ईश्वर के साथ जन्नत की सबसे अच्छी जगह हों।’